________________ // 3 // // 4 // // 7 // महानुभावेण गुणायरेण, वयरेण पुव्विं सुयसायरेणं / सुयं सरंतेण जिणुत्तमाणं, वच्छल्लयं तेण कयं तु जम्हा तम्हा सव्वपयत्तण, जो नमुक्कारधारओ / सावगो सो वि दट्ठव्वो, जहा परमबंधवो विवायं कलहं चेव, सव्वहा परिवज्जए / साहम्मिएहिं सद्धिं तु, जओ सुत्ते वियाहियं // 5 // जो किर पहरइ साहम्मियम्मि कोवेण दंसणमणम्मि / आसायणं च सो कुणइ निक्किवो लोगबंधूणं // 6 // सो अत्थो तं च सामत्थं, तं विन्नाणमणुत्तमं / साहम्मियाण कज्जम्मि, जं विच्चंति सुसावया अन्नऽन्नदेसाण समागयाणं, अन्नऽन्नजाईसु समुब्भयाणं / साहम्मियाणं गुणसुट्ठियाणं, तित्थंकराणं वयणे ठियाणं // 8 // वत्थेहि पाणासणखाइमेहि, पत्तेहिं पुप्फेहि य पुप्फफलेहिं / सुसावयाणं करणीयमेयं, कयं तु जम्हा भरहाहिवेणं // 9 // वज्जाउहस्स रामेणं, जहा वच्छल्लयं कयं / ससत्तिअणुरूवं तु, तहा कायव्वयं पुणो / // 10 // साहम्मिआण वच्छल्लं, अन्नं एयं जिणाहियं / धम्मट्ठाणम्मि सीयंतं, सव्वभावेण चोयए // 11 // सारणा वारणा चेव, चोयणा पडिचोयणा / कायव्वा सावएणाऽवि, सावयाणं हियट्ठिया // 12 // * रुसओ वा परो मा वा, विसं वा परियत्तओ। भासियव्वा हिया भासा, पच्चक्खगुणकारिया // 13 // कलं पोसहसालाए, नेय दिट्ठो जिणालए। साहूणं पायमूलम्मि, केण कज्जेण? अक्खि मे // 14 // 1