________________ // विवेककुलकम् // धणिणो कविणो जइणो, तवस्सिणो दाणिणो बहू लोया / परमप्पनाणिणो पुण, विवेइणो के वि दीसंति जह विहिमग्गविलग्गा, भवउव्विग्गा सया वि संविग्गा / उवसमगुणिणो मुणिणो, विवेइणो ते विरायंति // 2 // जहट्ठियवत्थुनिरिक्खण, परमं चक्खू अकित्तिमं सुक्खं / अन्नाणतिमिरभेओ, फुरइ विवेओ सउत्ताणो // 3 // देवं गुरुं च धम्मं, जहट्ठियं वरविवेइणो लिति / देवा गुरुणो धम्मा, विवेयवियलाण सव्वे वि // 4 // गुणजुत्तगणहराणं, गुरुगुणरहियाण आयरियसद्दो / अदइ जह हरिसद्दो, देविंदे दद्दुरे य तहा . // 5 // जह विट्ठी चेय भद्दा, अंगारो मंगलो विसं महुरं / तह विवरीयायरणा, आयरिया के वि भन्नति // 6 // एगो कह वि पयासइ, जिणागमं नासयंति पुण बहवे / ता कह तत्थ पहुप्पइ, घडमाणो फोडमाणाण // 7 // हिंडुयसिद्धतकरी, विवेयवणमद्दणो जहिं भमइ / तहिं कह जाणंति जणा, जिणागमं सुगुरुपरिहीणा पासत्थसत्थनडिया कुबोहजडिया विवेयपरिवडिया / कुग्गहगइंदचडिया जीवा भवसायरे पडिया // 9 // अच्छरियं अच्छरियं, आगमविहिरयणि विज्जमाणे वि / मिच्छत्तमुच्छियमणा, अविहिवराडि जडा लिंति // 10 // बहुयपसिद्धिगुणेसुं, इयराणं आयरो जहा होइ / न तहा परमगुणेसु, गयाणुगामी जणो जेणं // 11 // // 8 //