________________ *दसणविराहगाणं, तल्लाभुक्कोसणंतकालाओ / तम्हा दंसणरयणं, सव्वपयत्तेण रक्खंति // 8 // जह सियवडेण रहियं, न तरइ भव(र)सायरम्मि बोहित्थं / तह सम्मत्तेण विणा, किरियरुई न तरइ भवोह(हिं) // 9 // जह व विणद्वे तुंबे, साहारो नेह होइ अरएहिं / तह सम्मत्तेण विणा, ताणं च न होइ चरणेण // 10 // जह विच्छायं पउमं, हवइ विणट्ठम्मि कन्नियामत्ते / तह विच्छाया किरिया, हवइ हु सम्मत्तनासम्मि // 11 // जह महआययणं पिय, पीढविणासे विणस्सए सव्वं / सम्मत्तपीढनासे, तह नासइ गुरु तवच्चरणं // 12 // जह वा सालीपल्लो, कीडखइओ हवेज्ज नीसारो। खीणे तह सम्मत्ते, हवइ असारं तवच्चरणं // 13 // अंधारनच्चियं पिव मयदेहोवट्टणं जहा विहलं / इय सम्मत्तेण विणा, सव्वमवस्समणुट्ठाणं .. // 14 // ता इत्थेव पयत्तो, कायव्वो दुल्लहं पुणो एयं / / दंसणरयणं रयणं व, दुल्लहं मंदपुनाणं . // 15 // जह य बहुविग्घपउरो, महानिही पायडो वि लोगम्मि / पुनोवयाररहिएहिं, न उण पाविज्जए कह वि // 16 // महया सामग्गीए, माणुसखित्ताइसवणसद्धाए / पाविज्जए कहमवि, इमं अणुत्तरं कम्मविवरेणं // 17 // ता तुब्भेहिं वि पत्तं, पुव्वज्जियनिययकम्मविवरेणं। . संकाइदोसरहियं, धरियव्वं अप्पमत्तेहिं // 18 // न वि तं करेइ अग्गी, नेव विसं नेव किन्हसप्पो वा। जं कुणइ महादोसं, तिव्वं जीवस्स मिच्छत्तं // 19 // 138