________________ // 50 // // 51 // // 52 // भावणअमियं अहवा कम्मवसा मा समुल्लसउ मज्झ / अन्नस्स वि दट्टणं एवं घुटेसु किं कइया ? वेरग्गभावणाए किं वा वच्चंतु मज्झ दियहाई / नियहिययचिंतियाई लब्भंति नवत्ति को मुणइ ? एयं भावणतत्तं सव्वंगं तुज्झ जीव ! जइ फुरइ / पंचुत्तरवासीण वि सोक्खं मन्नामि ता तुच्छं एगंते होऊणं मुहुत्तमेत्तं विसिट्ठमंतं व / पइदियहं झाएज्जह एवं उवएसवरतत्तं जह दीवाओ दीवो बोहिज्जइ भावणाएँ तह भावो / इय पढह गुणह झायह भविया एयं सया सत्थं सिरिरयासहसूरी भावणसिहरम्मि आरुहेऊणं / अप्पाणुसासणं भो जंपइ जिणसासणे सारं बारसअउणत्ताले वइसाहे सेयपंचमिदिणम्मि / अणहिल्लवाडनयरे विहियमिणं अप्पसरणत्थं // 53 // // 54 // // 55 // // 56 // पू.आ.श्रीरत्नसिंहसूरिविरचितम् // संवेगकुलयं // नारीण बाहिरंगे जह दिढे माणसं समुल्लसइ / तह अंतरसयलंगे जं दिढे होइ तं सुणह रणरणओ दीणत्तं महाभउव्वेअतासकलमलयं / एअं अणुहविऊणं अप्पा वि हु वुड्डणं महइ विरल च्चिअ धावंतो धम्मो धम्मो त्ति कोडिमज्झम्मि / अप्पाणं रंजंतो जो मुंचइ विसयगहिलत्तं // 2 // // 3 // 101