________________ पाएण दूसमाए धम्मे संसग्गिया इह पमाणं / तेण सुमित्तेहिं समं संसग्गिं कुणसु जाजीवं // 27 // जइ पुच्छह निच्छयओ न मिही साहू वि पावइ भवंतं / भावेण केवलं पि हु लघृणं जाइ निव्वाणं // 28 // गाहाण सिलोगाणं अत्थं नाऊण सव्वभंगेहिं / तत्थ वि तं महुनायं भावण अमियं जओ झरइ // 29 // अवहियहियओ होउं खणे खणे अप्पयं विभावेसु / कत्तो अहमायाओ गंतूण कहिं कमणुहोहं ? // 30 // सव्वगुणाणं जोग्गं अप्पाणं जिय ! पमाइणं नाउं / किं न रुयंतो विरमसि सत्तीए उज्जमं काउं? // 31 // धम्मं परमरहस्सं रे जिय ! संवेगचोयणासारं / / चूरिय जुयलं झायसु जइ अप्पा वेरिओ नेव // 32 // धम्मुज्जमम्मि सत्ती जइ जिय ! तुह नत्थि काइ किर ताव / अप्पाणं झूरंतो मा विरमसु तह वि कइया वि। // 33 // एएण वि बीएणं कया वि धम्मुज्जमो वि तुह होज्जा / अन्नह दुहसयबुड्डो पायालं जासि सत्तमयं . // 34 // कीयं आहाकम्मं नीयावासो गिहीसु पडिबंधो। अमिओ परिग्गहो तह हुंति जईणं इमे दोसा // 35 // एकेको वि हु गरुओ मिलिया सव्वे वि जइ पुणो हुंति / अइंसणेण तेसि साहूणं मह नमोक्कारो // 36 // नामेणं चिय साहू साहूसु न ताण होइ अवयारो / किं परविकत्थणेणं ? अहवा चिंतेसु अप्पाणं // 37 // अहयं पि एरिसो अह सुद्धं मग्गं च इह परूवंतो। संविग्गपक्खियत्ता धनं मन्नामि अप्पाणं // 38 // CG