________________ // 7 // उवसमविवेयसंवरपयाण अत्थं न कोइ सुणइ किमु / सुव्वइ न कोई अवरो चिलाइपुत्तो जहा भयवं // 3 // तरतमजोगा भेए रसों पयासेइ धाउविसयम्मि / ता जाव सद्दवेहे अओ परं नत्थि रससिद्धी // 4 // धाउ व्व उवसमाई रसो व्व चित्तं इमाण संजोओ। ता जाव सिद्धी सिद्धी सो भन्नइ सद्दवेहविही वक्खाणंति मुणीयो (णओ) सुणंति तत्तं सिरं पि धूणंति / रोमंचं वहइ दढं भिज्जइ न मणो न तो किं पि // 6 // जो पुण विरत्तचित्तो भावणवंसग्गसंठिओ होउं / अप्पाणं झूरंतो स इलापुत्तो धुवं होइ मुत्तूण लोयचितं जइ जिय ! झाएसि अप्पणो तत्तं / ता तुह जम्मो सहलो अहवा झूरेसि बहु पच्छा // 8 // भवचारयवेरग्गं विसयाइदुगुंछणं च इच्चाई। . वयण च्चिय सव्वेसि हियए केसिंचि धन्नाणं जे एवं जपंति पमायवेरि छलेह भो लोया ! / ते वि छलिज्जंति जया तया अहं तस्स किं काहं ? // 10 // अन्नोऽन्नं जायंता मन्नंता अत्तणो य धन्नत्तं / संसारइंदयालं दरिसंता जे भणंति इमं ... // 11 // वेयइन कोइ हियए वयणेहिं अणिच्चयं भणंइ सव्वो / अन्नंह मणवइकाए अन्नोऽन्नं कह विसंवाओ? // 12 // एए वि कहं कहगा अत्तपमायं न चिंतयंति फुडं। जं दूसमाइ सव्वं छोढुं वटुंति वज्जसिरा // 13 // परगरिहं मुत्तूणं अहवा चिंतेसु अत्तणोऽन्नत्तं / अन्नह तुमं पि होहिसि पुव्वाणं मूढ ! सारिच्छो // 14 // C7