________________ एयाइ दुम्मईए माहप्पं भंजिऊण रे जीव ! / धम्मारामे रम्मे उज्जमदक्खाफलं चरसु . .. // 24 // गुरुआणाए सम्म परोवयारम्मि संजमे नाणे / खाओवसमियभावे सया वि एएसु उज्जमसु . // 25 // एयं खु धम्मरज्जं कहमवि लभ्रूण गणिय दियहाई। . सपरोवयारहीणो खणं पि मा सुयह वीसत्थो . // 26 // अह एत्तियभणिएण वि हीइ अहन्त्राण को गुणो भणसु ? / असुई मुत्तूण किमी अन्नत्थ रई कह करेइ ? // 27 // एयं मुत्तूण भवं पत्तो संसारसायरे घोरे। . को जायइ किर कइया गुरुपाएहिं लहिस्सामि ? // 28 // ओ ! तं जीव ! अलज्जि ! भणिओ धम्मोवएसलक्खेहि / जइ नेव किं पि लग्गं ता सरणं मज्झ किर मोणं // 29 // विसयविरत्ता मुणिणो कालोचियसंजमम्मि जे निरया / आजम्मम्मि तिसंझं पयधूलि वंदिमो ताणं // 30 // पइदियहं पइसमयं खणं पि मा मुयसु एयमुवएसं / जइ भवदुहाण तित्तो तिसिओ उण परमसोक्खाणं // 31 // सिरिधम्मसूरिपहुणो निम्मलकित्तीइ भरियभुवणस्स / सीसलवेहिं कुलयं रइयं सिरिरयणसूरीहिं // 32 // पू.आ. श्रीरत्नसिंहसूरिविरचितम् // आत्मानुशासनकुलकम् // सिरिधम्मसूरिसुगुरुं पुणो पुणो पणमिऊण भावेणं / तिहुयणसारं तत्तं अप्पहियं कि पि जंपेमि गीयं अमियं इटुं नहु मिटुं कि पि जीवलोगम्मि। पुरिसविसेसस्स मुहे जह मिट्ठा भारईदेवी ES