________________ छव्वाससयाई णवुत्तराई, तइआ सिद्धिं गयस्स वीरस्स। तो बोडिआण दिट्ठि, रहवीरपुरे समुप्पण्णा // 23 // रहवीरपुरं णयरं, दीवगमुज्जाण अज्जकण्हे य। सिवभूइस्सुवहिम्मि य, पुच्छा थेराण कहणा य // 24 // सुकंबरा य समणा, णिरंबरा मज्झ धाउरत्ताई। हुंतु अ मे वत्थाई, अरिहोमि कसायकलुसमई // 25 // तेणिह समणा दुविहा, कहिआ ते थेरकप्पजिणकप्पा / जिणकप्पो वुच्छिनो, जम्बूनिव्वाणसमयम्मि . // 26 // संपइ अ थेरकप्पो, सज्झो आहारवत्थमाईहिं / णहि सामग्गिअभावा, कज्जं संपज्जए किंचि // 27 // इच्चाइ अ णिज्जुत्तिपमुहवयणेहिं दूसिओ खमणो। तित्थं व तेण (मओ) तेणं, मूलाओ आगमो चइओ // 28 // धम्मोवगरणमित्तं, परिग्गहो ता सुवण्णजिणपडिमा / परिमिअपरिग्गहम्मि, जइ हुज्जा देसविरईणं // 29 // अह जे परूवणाए, उम्मग्गा ते अ मग्गपडिवक्खा / चंदप्पहाइहितो, संजाया लोअविक्खाया // 30 // महुराए जिणदासो, इच्चाइआ णिगमस्स णिज्जुत्ती। तीए चउदसिमग्गो, उम्मग्गो पुण्णिमापक्खो // 31 // अह बीया वरवरिआ, णिग्गमदारस्स होइ णिज्जुत्ती / तीए वि दारगाहा, सभासिआ सा इमा होइ // 32 // णिव्वाणं चिइगागिइ, जिणस्स इक्खाग सेसगाणं च। . सकहा थूभ जिणहरे, जायग तेणाहिअग्गि त्ति // 33 // थूभसय भाउआणं, चउवीसं चेव जिणहरे कासी। सव्वजिणाणं पडिमा, वण्णपमाणेहिं णिअएहिं / // 34 // 254