________________ // 48 // हेऊदाहरणासंभवे य, सइ सुटुं जं न बुज्झेज्जा। सव्वण्णुमयमवितहं, ता वि तं चिंतए मइमं / अणुवकयपराणुग्गहपरायणा, जं जिणा जगप्पवरा / जियरागदोसमोहा य, णऽण्णहावादिणो तेणं // 49 // रागबोसकसाया ऽऽसवादिकिरियासु वट्टमाणाणं / इहपरलोयावाए, झाइज्जा वज्जपरिवज्जी * // 50 // पयइठिइपएसाऽणुभावभिन्नं सुहासुहविहत्तं / जोगाणुभावजणियं, कम्मविवागं विचिंतेज्जा // 51 // जिणदेसियाइ लक्खण-संठाणा-ऽऽसण-विहाण-माणाई / उप्पाय-ठिइ-भंगाइ-पज्जवा जे य दव्वाणं // 52 // पंचत्थिकायमइयं, लोगमणाइनिहणं जिणक्खायं / णामाइभेयविहियं तिविहमहोलोयभेयाई // 53 // खिइ-वलय-दीव-सागर-नरय-विमाण-भवणाइसंठाणं / दोसाइपइट्ठाणं, निययं लोगट्ठिइ विहाणं // 54 // उवओग लक्खणमणाइ-णिहणमत्थंतरं सरीराओ। जीवमरूविं कार्र, भोयं च सयस्स कम्मस्स // 55 // तस्स य सकम्मजणियं जम्माइजलं कसायपायालं / वसणसयसावयमणं, मोहावत्तं महाभीमं // 56 // अण्णाणमारूएरिय-संजोगविजोग-वीइसंताणं / संसारसागरमणोर-पारमसुहं विचिंतिज्जा // 57 // तस्स य संतरणसहं, सम्मइंसणसुबंधणं अणघं / णाणमयकण्णधारं, चारित्तमयं महापोयं // 58 // संवरकयनिच्छिदं, तवपवणाइद्धजइणतरवेगं / वेरग्गमग्गपडिअं, विसोत्तियावीइ निक्खोभं // 59 //