________________ सा हासणिस्सिया खलु, हासपरिणओ कहेइ जं भासं / जह पेच्छगहासठ्ठा, दिडे वि न दिट्ठमिय वयणं // 48 // सा य भयणिस्सिया खलु, जं भासइ भयवसेण विवरीयं / जह णिवगहिओ चोरो, नाहं चोरो त्ति भणइ नरो // 49 // जा कूडकहाकेली, अक्खाइअणिस्सिया हवे एसा / जह भारहरामायण, - सत्थेऽसंबद्धवयणाणि // 50 // जं उवघायपरिणओ, भासइ वयणं अलीअमिह जीवो / उक्घायणिस्सिआ सा, जहा अचोरे वि चोरो त्ति // 51 // एवं दसहाऽसच्चा, भासा उवदंसिया जहासुत्तं / एसा वि होइ सच्चा, पसत्थपरिणामजोगेणं // 52 // रागेण व दोषेण व, मोहेण व भासई मुसं भासं / तह वि दसहा विभागो, अणाइणिद्देससंसिद्धो // 53 // सब्भावस्स णिसेहो, ऽसब्भूयुब्भावणं च अत्थम्मि / अत्यंतरं च गरहा, इय चउहा घा मुसा भासा . // 54 // एवमसच्चा भासा, निरूविया पवयणस्स नीईए / सच्चामोसं भासं, अओ परं कित्तइस्सामि // 55 // अंसे जीसे अत्थो, विवरी) होइ तह तहारूवो / सच्चामोसा मीसा, सुअम्मि परिभासिआ दसहा // 56 // उप्पन्नविगयमीसग, जीवमजीवे अ जीवअज्जीवे / तह णंतमीसिया खलु, परित्त अद्धा य अद्धद्धा // 57 // उप्पन्नमीसिया सा, उप्पन्ना जत्थ मीसिया हुंति / संखाइ पूरणत्थं, सद्धिमणुप्पन्नभावेहि // 58 // सा विगयमीसिया खलु, विगया भन्नति मीसिया जत्थ / ' संखाइ पूरणत्थं, सद्धिमविगएहि अन्नेहिं // 59 // 81