________________ // 35 // // 40 // अंतमुहत्तपमाणयणिग्गंथद्धाइ पढमसमयम्मि। पढमसमओ अपढमो, वटैंतो सेससमएसु चरमे समए चरमोऽचरमो सेसेसु चेव समएसु / सामण्णेण य एसो, इह अहसुहुमु त्ति परिभासा // 36 // सुक्कज्झाणजलेणं, हाओ जो विग़यघाइकम्ममलो। सो ण्हायगो णियंठो, दुहा सजोगी अजोगी य // 37 // . सो अच्छवी असबलोऽकम्मंसो सुद्धनाणदिविधरो / अरहा जिणे य केवलि, अपरिस्साई य पंचविहो // 38 // अच्छविओ अव्वहओ, अहवा भन्नइ छवी सरीरं ति। जोगणिरोहा तस्साभावे अछवि त्ति सद्दत्थो // 39 // अहवा अच्छविओ खलु, अखेयवावारजोगओ इट्ठो। घाइक्खएण तत्तो, खवणाभावा व अच्छविओ सुद्धासुद्धो सबलो, तत्तोऽसबलो हवे विवज्जत्थो। अइआरपंकविगमा, घाइविणांसा अकम्मंसो // 41 // तह सुद्धनाणदिट्ठी, असहायाणंतनाणदंसणवं / अरह जिण केवलि त्ति य, एगटुं होइ सद्दतियं // 42 // कम्मापरिस्सवणओ, अपरिस्सावी अजोगिभावम्मि। एसा खलु परिवाडी, पण्णत्तीए फुडं भणिया // 43 // अपरिस्सावि त्ति पयं, भणि णो उत्तरज्झयणएसु / भणियं च तस्स ठाणे, एगत्थं चेव सद्दतियं इत्थ दसाभेयकओ, भेओ केण वि ण हंदि णिद्दिट्ठो। . तो सद्दणयावेक्खो, भेओ ति भणंति णिउणमई // 45 // इह भेओ पज्जाओ, ईहापोहाइवयणओ नेओ। इट्ठा वक्खा जं तत्तभेअपज्जायओ तिविहा // 46 // // 44 //