________________ जह उक्किट्ठगुणेणं, कव्वम्मि अदुट्ठया ण हु सहावा / तह छउमत्थो णेओ, चरणदढत्ता अपासत्थो .. // 83 // किरियासु विसीअंतो, ओसन्नो होइ सो वि दुविअप्पो। .. देसे सव्वे अ तहा, देसम्मि इमेसु ठाणेसु // 84 // आवस्सगसज्झाए, पडिलेहण झाण भिक्ख भत्तठे। आगमणे णिग्गमणे, ठाणे अ णिसीअण तुयट्टे / / 85 // ठवियगरइअगभोई, सव्वे उउबद्धपीढफलगो य / मिच्छासामायारीलग्गो सो पत्तमकरितो / // 86 // तिविहो होइ कुसीलो, नाणे तह दंसणे चरित्ते य। . . नाणम्मि णियायारब्भंसे एमेव दंसणओ // 87 // चरणे कोउअभूई, पसिणापसिणे णिमित्तमाजीवी। कक्ककुरुआइलक्खणमुवजीवइ विज्जमंताई / / 88 // सोहग्गाइणिमिसं, परेसि ण्हवणाइ कोउगं भणियं / मुहजलणकड्ढणाइअमहवा अच्छेरयं चरियं // 89 // जरिआइ भूइदाणं, भूईकम्मं तहा विणिद्दिष्टुं / पसिणापसिणं कहणं, सुविणगविज्जादिकहियस्स // 90 // तीअं च पडुप्पन्नं, भणइ णिमित्तं अणागयं वा णं / जो पूआइणिमित्तं, होइ णिमित्तोवजीवी सो. / 91 // जाईइ कुले अ गणे, कम्मे सिप्पे तवे सुए चेव ! सत्तविहं आजीविअमुवजीवइ सो उ आजीवी // 92 // लोद्धाइकउव्वट्टणमहवाऽऽमयखारपाडणं कक्को। देसेण व सव्वेण व, सिणाणमंगस्स कुरुआ य // 93 // अण्णे उ कक्ककुरुअं, मायाणियडीइ भासणं बिंति। . थीलक्खणाइ लक्खणमुग्घाडा विज्जमंता य . // 94 // 54