________________ // 1 // त्रयीतनु"स्त्रयीगीत:९६ पिटकत्रयदेशित:। त्रिस्थ स्त्रिकरणोन्मुक्त स्त्रिब्रह्मप्रकृति:४०० श्रिये // 12 // पञ्चमशतकप्रकाशः .. शक्तो निरेजः कूटस्थः शीलेश: शीलनायकः / शैलेश:६ प्राप्तशैलेशिनिश्चयी व्यवहारमुक् अनुपाधि रुपाधिच्छित् सर्वोपाधिविशुद्धिमान्१२ / अनाचार्यो५३ऽनुपाध्यायोऽगुरु गुरुशिरोमणि:१६ // 2 // स्वयम्बुद्धो विबुद्धश्च सम्बुद्धो बुद्धजागर:२० / तुरीयावस्थित स्तुर्यः २२सिद्धजागरिकात्रय:२३ / अशस्त्र:२४ शस्त्रमुक्५ शस्त्रोंज्झित२६ शस्त्रविवर्जित:२७ / अशस्त्री८ परमाशस्त्रोऽशस्त्रभी रकुतोभय:२९ // 4 // दयासिन्धु'र्दयापालो२२ दयानेता दयानिधिः३५ / दयालु:२६ स्वदयाचिह्नो दयाश्रेष्ठो दयोदय:२९ दयास्थायी दयास्थानं४१ सर्वशुद्धदयामय:४२ / दयापात्रं दयामात्रो४ दयाव्यासो५ दयोन्नति:४६ आत्माराम "श्चिदाराम श्चिद्रामो 9 रामसत्तमः५० / श्रीराम:५१ केवलारामो५२ दयारामो५३ विरामवान्५४ // 7 // अजन्मरामोऽति (ती) रामो६ महारामो७ मनोरम:५८ / स्वतोराम:५९ स्वयंराम:६० केवलो राम एव च महेन्द्राऽयॊ६२ महेन्द्रेड्यो६३ महेन्द्रोऽतीन्द्रियार्थदृ५ / अनिन्द्रियोऽहमिन्द्रायॊ ऽतीन्द्रोऽतीन्द्रियहक् 9 स्वदृक् // 9 // भूतात्मा भूतभृद् भूतरक्षी 3 भूताभयङ्करः / प्रभवो विभवो भूताधारो" भूतानुपग्रह:७८ // 10 // 220 // 5 // // 6 // // 8 //