________________ 9 आमे घडे णिहत्तं जहा जलं तं घडं विणासेइ / इय सिद्धंतरहस्सं अप्पाहारं विणासेइ / // 96 // ण य एवं संकोए ण जुज्जए तत्थ पुण तुल्लत्तं / जं तं मज्झत्थत्तं अविक्खणओ सव्वतुल्लत्तं // 97 // के यं पुरिसे इच्चाइ वयणओ च्चिय ववट्ठियं एयं / इय देसणा विसुद्धा इयरा मिच्छत्तगमणाई ... // 98 // . आउट्टिआइजणिअं कयाइ चरणस्स कह वि अइआरं / णाऊण विअडणाए सोहेति मुणी विमलंसद्धा आउट्टिआ उविच्चा दप्पो पुण होइ वग्गणाईओ। ... विगहाइओ पमाओ कप्पो पुण कारणे करणं // 100 // सद्धालू अपमत्तो हविज्जा किरियासु जेण तेणेव / किरियाणं साफल्लं जं भणियं धम्मरयणम्मि पव्वज्जं विज्जं पि व साहंतो होइ जो पमाइल्लो / तस्स ण सिज्झइ एसा करेइ गरुअं च अवयारं // 102 // पडिलेहणाई चिट्ठा छक्कायविघाइणी पमत्तस्स / भणिआ सुअम्मि तम्हा अपमाई सुविहिओ हुज्जा // 103 // रक्खइ वएसु खलिअं उवउत्तो होइ समिइगुत्तीसु / वज्जइ अवज्जहेउं पमायचरिअं सुथिरचित्तो // 104 // कालम्मि अणूणहिअं किरियंतरविरहिओ जहा सुत्तं / आयरइ सव्वकिरियं अपमाई जो इह चरित्ती // 105 // जह णिव्विग्धं सिग्धं गमणं मग्गन्नुणो णगरलाभे। . हेऊ तह सिवलाभे णिच्चं अपमायपरिवुड्ढी // 106 // कम्माणं अपमाया अणुबंधावणयणं च होज्जाहि / / तत्तो अकरणणियमो दुक्खक्खयकारणं होइ // 107 / / 26