________________ // 96 // // 97 // // 98 // // 99 // // 100 // // 101 // जं हीणा तुल्लत्तं वहति एए महाणुभावाणं / उस्सुत्तं भासंता बितिया सा बालया तेर्सि लोगो हि बज्झदिट्ठी पायं तत्तट्ठनाणपरिहीणो। तेर्सि संगहहेउं तेसिं आजीविआ गरहा अवि संकिज्जयाइच्चाइसुत्तभणि विहिं अयाणंता। वक्खाणंता अत्थं णिस्संका ते महापावा नणु इह विभज्जवाओ आणत्तो ण य निरुद्धपत्थारो / एयं कहमविरुद्धं भन्नइ सोआरमहिगिच्च सदसदविसेसणाओ विभज्जवायं विणा ण सम्मत्तं / जं पुण आणारुइणो तं निउणा बिति दव्वेणं अवि य अणायारसुए विभज्जवाओ विसेसिओ सम्मं / जं वुत्तोणायारो पत्तेयं दोहि ठाणेहिं / एसो पवयणसारो सव्वं इच्चत्थमेव गणिपिडगं / एअम्मि अविणाए विहलं चरणं जओ भणियं चरणकरणप्पहाणा ससमयपरसमयमुक्कवावारा / चरणकरणस्स सारं णिच्छयसुद्धं ण याणंति भणियं च भगवया वि य आयारंगे इमं विसेसाओ। जं सम्मं तं मोणं जं मोणं- तच सम्मं ति . एयमिह अयाणंता उवएसरया भमंतगीयत्था। नडनट्ट व जणा वि य तेसिं चरियं च पिच्छंति सुद्धंछाईसु जत्तो गुरुकुलचागाइणा ण हियहेऊ / हंदि भुयाहिं महोअहितरणं जह पोअभंगेणं उववासों वि य एक्को ण सुंदरो इयरकज्जचाएणं / णेमित्तिओ जमेसो णिच्चं एक्कासणं भणियं // 102 // // 103 // // 104 // // 105 // // 106 // // 107 //