________________ सो तत्थ समल्लीणो भग्गो वडपायवो कडकडंतो / मा होही रिसिंवज्झा चंचू वडपायवं गुविलं // 323 // तो सहसा उक्खिविउं छाएमाणु व्व णहयलं सव्वं / किण्णरगरुडणरामरविम्हयमउलं जणेमाणो // 324 // सागरजलपक्खित्ते बहुविहवणसंडमंडिओद्देसे / दीवम्मि सुवित्थिण्णे मुंचइ वडपायवं गरुडो // 325 // वडदुमलंकणिमित्तं लंकादीउ त्ति तो कयं णामं / दससीसस्सावासो आसि जहिं णिसिअरपइस्स // 326 // हिमवंते गयकच्छव भक्खेउं सो गओ पिउसयासं / भणइ अ ताय ! ण धाओ भक्खेहि तओ णिसाएँ त्ति // 327 // भक्खेऊण णिसाए अमयपवत्तिं पपुच्छिउं पिअरं / अमयं पुत्त ! कहेमो वोलेउं णरयपायाले // 328 // धगधगधगंतहुअवहपज्जलिआवेढिअं समंतेणं.। रक्खिज्जइ सव्वसुरासुरेहि सययं अमयकुंडं // 329 // को पुण तस्स उवाओ अमयत्थी कासवंगओ अहयं / अत्थि उवाओ जह घिप्पइ त्ति अइदुक्करो सो उ // 330 // सप्पिमहोदहिसलिलाइएण संतप्पिएऽणले धणिअं / गहणं हुज्ज ण हुज्ज व गहिए वि उवद्दवाऽणेगा // 331 // कासवरिसिवयणेणं गंतुं गरुडेण दो वि संपपया / पंखाणि अ घयमहुपाणिएण संतप्पिओ अग्गी // 332 // तित्तेणं हुअवहेण य अमयसयासं पवेसिओ गरुडो / गहिअं च णेण अमयं देवेहिं वि किल समुग्घुटुं // 333 // अमयं कुंडत्थं चिअ विहगेणेगेण णीअमुक्खिविउं / / सोऊणमिणं वयणं खुहियं ससुरासुरं भुवणं // 334 // 203