________________ अहिकुलभयसंजणणो जणवयविम्हावणो महा घोरो। विणयामणपरिओसो जाओ अ महाबलो गरुडो // 311 // बालत्ते रममाणो णागे कड्डूसुए विहाडेइ / / पइदिवसं कड्डूए विणया खिंसिज्जए एवं // 312 // विणयाइ दासिआए पुत्तेणं गरुड़एण सोमाला / मारिअ अहिपोअलया चंचूचलणप्पहारेहिं . // 313 // . एआरिसाइं विणया सोऊणमभिक्खणं च रोवंती / .... पुच्छिज्जइ गरुडेणं रोअसि किं कारणं अम्मे // 314 // पुत्तय जीअणिमित्तं पत्ता दासत्तणं सवसीए। रत्तिं दिवा य दुहिआ करेमि आणत्तिअं तीसे - // 315 // कहमुच्चिज्जसि अम्मे !, अमएणं, तं च जाणइ पिआ ते। .. कत्थ पिआ, बदरीआसमम्मि, गरुडो गयो तहिअं // 316 // बदरासमम्मि गंतुं गरुडो पाएसु णिवडिओ पिउणो। विअलिंदिएण तेण वि फासेणुवलक्खिओ पुत्तो // 317 // गरुडेण जंपिअं भुक्खिओ मि, भणिअंच कासवेणेवं / बारसजोअणहत्थी तत्तुल्लो कच्छवो बीओ // 318 // अमरिसभुअंगवसओ जुझंति महासरे महाकाया / रत्तिं दिवा य दुण्णि वि सरसंखोभं करेमाणा // 319 // भक्खेहि ते तुमं गच्छिऊण, मा पुत्त ! भुक्खिओ अच्छ / गंतूण इक्कमिक्केण तेण ते दो वि परिभुत्ता // 320 // तत्तो अ पडिणिअत्तो पिच्छइ वडपायवं महाविडयं / . पलयमहामेहं पि व ससउणकोलाहलं विउलं // 321 // चउमुहबीअविणिग्गयाण वालखिल्लाण तस्स हिट्ठम्मि / उग्गं तप्पंति तवं रिसीणमझुट्ठकोडीओ // 322 // 22