________________ // 173 // नवकारेण विबोहो अणुसरणं सावओ वयाई मे / . जोगो चिइवंदणमो पच्चक्खाणं तु विहिपुव्वं // 172 // तह चेईहरगमणं सक्कारो वंदणं गुरुसगासे / पच्चक्खाणं सवणं जइपुच्छा उचियकरणिज्जं . अविरुद्धो ववहारो काले विहिभोयणं च संवरणं / चेइहरागमसवणं सक्कारे वंदणाई य . // 174 // जइविस्सामणमुचिओ जोगो नवकारचिंतणाईओ। . गिहिगमणं विहिसुवणं सरणं गुरुदेवयाईणं // 175 // अब्बंभे पुण विरई मोहदुगुंछा सतत्तचिंता य / * इत्थीकलेवराणं तन्विरएसुं च बहुमाणो // 176 // सुत्तविउद्धस्स पुणो सुहुमपयत्थेसु चित्तविनासो / भवठिइनिरूवणे या अहिगरणोवसमचित्ते वा // 177 // आउयपरिहाणीए असमंजसचिट्ठियाण व विवागे / खणलाभदीवणाए धम्मगुणेसुं च विविहेसु . // 178 // बाहगदोसविवक्खे धम्मायरिए य उज्जयविहारे / एमाइ चित्तनासो संवेगरसायणं देयं // 179 // गोसे भणिओ य विही इय अणवरयं तु चिट्ठमाणस्स / पडिमाकमेण जायइ संपुनो चरणपरिणामो . // 180 // // 10 // प्रतिमार्विशिका // दंसण 1 वय 2 सामाइय 3 पोसह 4 पडिमा५ अबंभ 6 सच्चित्ते 7/ आरंभ 8 पेस 9 उद्दिट्ठवज्जए 10 समणभूए 11 य // 181 // एया खलु इक्कारस गुणठाणगभेयओ मुणेयव्वा / समणोवासगपडिमा बज्झाणुट्ठाणलिंगेहिं // 182 // 16