________________ आइल्लाणं तिण्हं चरिमस्स य तीसकोडकोडीओ / होइ ठिई उक्कोसा अयराणं सतिकडा चेव . // 103 // सयरिं तु चउत्थस्स वीसं तह छट्ठसत्तमाणं च / तित्तीस सागराइं पंचमगस्सावि विनेया // 104 // अट्ठण्हं पयडीणं उक्कोसठिईए वट्टमाणो उ। जीवो न लहइ एयं जेण किलिट्ठासओ भावो // 105 // सत्तण्हं पयडीणं अभिंतरओ उ कोडाकोडीए / पाउणइ नवरमेयं अपुव्वकरणेण कोई तु // 106 // करणं अहापवत्तं अपुव्वमणियट्टिमेव भव्वाणं / .. इयरेसिं पढमं चिय भण्णइ करणं ति परिणामो // 107 // जा गंठिं ता पढमं गंठि समइच्छओ भवे बीयं / अणियट्टीकरणं पुणं सम्मत्तपुरक्खडे जीवे // .108 // ' इत्थ य परिणामो खलु जीवस्स सुहो य होइ विनेओ। किं मलकलंकमुक्कं कणगं भुवि झामलं होइ ? // 109 // पयईय व कम्माणं वियाणिउं वा विवागमसुहं ति / अवरद्धे वि न कुप्पइ उवसमओ सव्वकालं पि // 110 // नरविबुहेसरसुक्खं दुक्खं चिय भावओ उ मन्नंतो / संवेगओ न मुक्खं मुत्तूणं किंपि पत्थेई. // 111 // नारयतिरियनरामरभवेसु निव्वेयओ वसइ दुक्खं / / अकयपरलोयमग्गो ममत्तविसवेगरहिओ वि // 112 // दट्टण पाणिनिवहं भीमे भवसागरम्मि दुक्खत्तं / / अविसेसओऽणुकंपं दुहा वि सामत्थओ कुणइ // 113 // मन्नइ तमेव सच्चं नीसंकं जं जिणेहिं पण्णत्तं / . सुहपरिणामो सच्चं कंखाइविसुत्तियारहिओ . // 114 // 10