________________ // 264 // // 265 // // 266 // // 267 // // 268 // // 269 // सही पमज्जियव्वा वक्खेवविवज्जिएण गीएण / उवउत्तेण विवक्खे नायव्वो होइ अविही उ उइ पम्हलेण मिउणा चोप्पडमाइरहिएण जत्तेणं / अव्विद्धदंडगेणं दंडगपुच्छेण नऽन्नेणं अपमज्जणम्मि दोसा जणगरहा पाणिघाय मइलणया। पायपमज्जण उवही धुवणाधुवणम्मि दोसा उ चरिमाए पोरिसीए पत्ताए भायणाण पडिलेहा / सा पुण इमेण विहिणा पन्नत्ता वीयरागेहिं तीआणागयकरणे आणाई अविहिणा वि ते चेव / तम्हा विहीएँ पेहा कायव्वा होइ पत्ताणं भाणस्स पास बिट्ठो पढमं सोआइएहिं काऊणं / उवओगं तल्लेसो पच्छा पडिलेहए एवं मुहणंतएण गोच्छं गोच्छगलइ अंगुली उ पडलाइं / उक्कुडुओ भाणवत्थे पलिमंथाईसु तं न भवे चउ कोण भाणकोणे पमज्ज पाएसरीएँ तिउणं ति / भाणस्स पुप्फगं तो इमेहिं कज्जेहिं पडिलेहे मूसगरयउक्केरे, घणसंताणए इअ। उदए मट्टिया चेव, एमेआ पडिवत्तिओ. नवगनिवेसे दूराओ उक्किरो मूसएहिं उक्किण्णो / निद्धमही हरतणुओ ठाणं भित्तूण पविसिज्जा कोत्थलगारी घरगं घणसंताणाइया य लग्गिज्जा / उक्करं सट्ठाणे हरतणु चिट्ठिज्ज जा सुक्को इअरेसु पोरिसितिगं संचिक्खावित्तु तत्तिअं छिंदे। सव्वं वा वि विगिचे पोराणं मिट्टिअं खिप्पं // 270 // // 271 // // 272 // // 273 // // 274 // // 275 // 23