________________ जइ भव कम्मनिरुद्धा न भवे ताऽजोगकेवलीणं च / जम्हा लेसाईयं सुक्कझाणं चउत्थं जं . // 1306 // लेसा कसाय पुट्ठि-कारया परमणुभागांण बंधहेऊ य / .. ठिइमणुभागं कसाया पयडिपएसाण जोगा य // 1307 // कम्मसहचारिकारिण अणुभागगुणस्स हेउणो भणिया / लेसाण सव्वमेवप्पयारविन्नाण उद्दिटुं // 1308 // सुविसुद्धा सुपसत्था लेसा सुहझाणसोहिणी भणिया / अविसुद्धा अपसत्था दुहझाणजणियसब्भावा // 1309 // अणुभागहेऊरूवा भावा पुण कम्मझरणओ दव्वा / कारणपवित्तिनिमित्ता जोगाणं सरूवमेयासिं // 1310 // वीरं सुक्कझाणग्गिदड्डकमिंधणं पणमिऊणं / ... जोगीसरं सरणं झाणज्झयणं पवक्खामि // 1311 // जं थिरमज्झवसाणं तं ज्झाणं तं चलंतयं चित्तं / तं हुज्ज भावणा वा अणुप्पेहा वा अहव चिंता // 1312 // अंतोमुहुत्तमित्तं चित्तावत्थाणमेगवत्थुम्मि / . छउमत्थाणं ज्झाणं जोगनिरोहो जिणाणं तु // 1313 // अंतोमुहुत्तपरओ चिन्ता झाणंतरं व हुज्जा हि / सुचिरं पि हुज्ज बहुवत्थु-संकमे झाणसंताणो // 1314 // अट्ट रुदं धम्मं सुक्कं ज्झाणाई तत्थ अंताई / निव्वाणसाहणाइं भवकारणमट्टरुद्दाई // 1315 // अमणुण्णाइं सद्दाइ-विसयवत्थुण दोसमइलस्स / / धणियं विओगचिंतण-मसंपओगाणुसरणं च // 1316 // तह सूलसीसरोगाइ-वेयणाए विओगपणिहाणं / तदसंपओगचिंतण तप्पडियाराउलमणस्स . // 1317 // 254