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________________ लब्भइ सुरसामित्तं लब्भइ पहुयत्तणं न संदेहो / एगं नवरि न लब्भइ दुल्लहरयणं च सम्मत्तं - // 959 // गुरुणो गुरुगुणजुत्ता समयपमाणेण ताण नाऊण / वयणायरणा संविग्ग पक्खाइगुणेहिं भइयव्वा // 960 // संपत्तदंसणाइ पइदियहं जइजणाओ निसुणेइ / सामायारिं परमं जो खलु तं सावगं बिंति // 961 / / वेसागिहेसु गमणं जहा निसिद्धं सुकुलवहूयाणं / तह हीणायार-जइजण-संगं सड्डाण पडिसिद्धं // 962 // वरं दिट्ठिविसो सप्पो वरं हालाहलं विसं / हीणायारागीयत्थ-वयणपसंगं खु णो भदं // 963 // जिणपवयणस्स संवणं कायव्वं सुगुरुपायमूलम्मि / अणुकंपादाणं पुण निच्चं सड्डेहिं कायव्वं // 964 // संपइ दूसमकाले धम्मत्थी सुगुरुसावया दुलहा / नामगुरु नामसड्डा सरागदोसा बहू अस्थि // 965 // धम्मरयणस्स जुग्गो अक्खुद्दो 1 रूववं 2 पगिइसोमो 3 / लोगप्पिओ 4 अकूरो 5 भीरू 6 असढो 7 सुदक्खिण्णो 8 // 966 / / लज्जालुओ 9 दयालू 10 मज्झत्थो 11 सोमदिट्ठी 12 गुणरागी 13 / सक्कहसुपक्खजुत्तो 14 सुदीहदंसी 15 विसेसन्नू 16 // 967 // वुड्डाणुगो 17 विणीओ 18 कयन्नुओ 19 परहियत्थकारी 20 य / तह चेव लद्धलक्खो 21 इगवीसगुणो हवइ सड्ढो // 968 // विहिवायं नयवायं आगमवायं खु चरियअणुवायं / नाऊण सुसीलाणं जो कुणइ सया वि सो सड्ढो // 969 // . चिइवंदण गुरुवंदण पइदिणमावस्सयाइकरणं च / / गोसे पच्चक्खाणं चऊदसनियमाण संगहणं // 970 // .225
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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