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________________ किइकम्मं च पसंसा सुहसीलजणम्मि कम्मबंधा य / जे जे पमायठाणा ते ते उवबूहिया हुंति // 501 // एवं नाऊण संसग्गिं कुसीलाणं च संथवं / संवासं च हियाकंखी सव्वोवाएहिं वज्जए // 502 // निन्नवअभव्वगाणं जो किरिया मुद्धमोहसंजणिया / तारिसिया खलु किरिया छउमत्थाणं नियडियाणं // 503 // निरवज्जो खलु धम्मो पन्नत्तो जिणवरेहिं इय वयणं / भासंता गृहंता तित्थयराईण विहिभत्तिं , // 504 // अप्पमईइ पवयणं हीलंता तच्च मग्गमलहंता / अन्नाणकट्ठरूवं दंसइ मूढाण जीवाणं // 505 // ते विय अदंसणिज्जा जिणपवयणबाहिरा विणिद्दिट्ठा / मिच्छत्तदरिद्दजुया पाविट्ठा सव्वनिक्किट्ठा' // 506 // अह सुगुरूण सरूवं भणामि तग्गच्छसंघजुत्ताणं / अंतोमुहुत्तमित्तं पि तत्थ वसंते महालाभो // 507 // गच्छो महाणुभावो तत्थ वसंताण निज्जरा विउला / सारणवारणचोयण-न दोसमाईहिं पडिवत्ती // 508 // नो अप्पणा पराया गुरुणो कइया वि डंति सड्डाणं / जिणवयणरयणनिहिणो सव्वे ते वन्निया गुरुणो // 509 // संपइ दूसमकाले धम्मत्थी सुगुरुसावया दुलहा / नामगुरु नामसडा सरागदोसा बहू अस्थि // 510 // नामाइचउभेएहिं गुरुणो भणिया जिणिंदमग्गम्मि / तत्थ य नामठवणा-दव्वेहि न को वि परमत्थो // 511 // भावेण सुद्धचरणो सुदंसणो तच्च मग्गकहणपरो / मूलुत्तरगुणरयणेहिं भूसिओ संजओ साहू . // 512 // 186
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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