________________ // 489 // // 490 // // 491 // // 492 // // 493 // // 494 // गाम देसं च कुलं सड्ढासड्डी ममत्तए कुणइ / वसहिघरुल्लोयणाइ नंदिधणाई पवटुंति वंदणनमंसणाइ कारंति परेसि साहुबुद्धीए / न य अप्पणो करेंति सिढिलायारा तहा एए लोए इइसाहुवाया धम्मपरा धम्मदंसिणो रम्मा / परमंता निद्धम्मा निम्मेरा नडयपेडनिहा दसमगमच्छेरमिणं असाहुणो साहुणु व्व पुज्जति / होहंति तप्पसाया दुभिक्खदरिद्दडमरगणा जे संकिलिट्ठचित्ता माइट्ठाणम्मि निच्चतल्लिच्छा / आजीवगभयघत्था मूढा नो साहुणो हुति मूलगुणविप्पमुक्का छक्कायरिऊ असंजया पायं / गुणिमुणिपओसजुत्ता धिट्ठाणायारसूरिमुहा सुसमायारीब्भट्ठा नियडिपरा भत्तलोयथुइदक्खा / पच्छन्नसव्वसंगह-कारिणो सव्वभुज्जपरा . सुद्धं सुसाहुधम्मं अंगे न धरेइ नो पसंसेइ / सद्धागुणेहिं रहिया परमत्थचुया पमायपरा गिहिपुरओ सज्झायं करति अण्णोण्णमेव झूझंति / सीसाइयाण कज्जे कलहविवायं उईरेंति . किं बहुणा भणिएणं बालाणं ते हवंति रमणिज्जा / दक्खाणं पुण एए विराहगा छनपावदहा वंदणनमंसणाई जोगुवहाणाइ तप्पुरो विहियं / गुरुबुद्धीए विहलं सव्वं पच्छित्तजुग्गं च जम्हा भणियं छेए अत्थिक्केण रहियतित्थलिंगीणं / पुरओ जं धम्मकिच्चं विहियं पच्छित्तचउगुरुयं // 495 // // 496 // // 497 // // 498 // // 499 // // 500 // 185.