________________ अह तस्सेव उ पीडा किं णो अण्णेसि पालणे तस्स ? / अह ते पराइ सो वि हु सतत्तचिंताइ एमेव // 84 सिअ तेण कयं कम्मं एसो नो पालगो ति किं ण भवे?। .. ता नूणमण्णपालगजोग्गं चिअ तं कयं तेण // 85 बहुपीडाए अ कहं थेवसुहं पंडिआणमिळंति ? / / जलकट्ठाइगयाण य बहूण घाओ तदच्चाए // 86 / एवंविहा उ अह ते सिट्ठ त्ति न तत्थ होइ दोसो उ। इअ सिट्ठिवायपक्खे तच्चाए णणु कहं दोसो ? . // 87 / तो पाणवहाईआ गुरुतरया पावहेउणो नेआ। ... सयणस्स पालणम्मि अ नियमा एइत्ति भणियमिणं // 88 / एवं पि पावहेऊ अप्पयरो णवर तस्स चाउ त्ति / सो कह ण होइ तस्सा धम्मत्थं उज्जयमइस्स? ... // 89 / अब्भुवगमेण भणिअं णउ विहिचाओ वि तस्स हेउ त्ति / सोगाइम्मि वि तेसिं मरणे व विसुद्धचित्तस्स / / 90 / अण्णे भणंति धन्ना सयणाइजुआ उ होंति जोग्गत्ति / . संतस्स परिच्चागा जम्हा ते चाइणो हुति // 91 / जे पुण तप्परिहीणा जाया दिव्वाओ चेव भिक्खागा / तह तुच्छभावओ च्चिअ कहण्णु ते होंति गंभीरा? // 92 / मज्जंति अ ते पायं अहिअयरं पाविऊण पज्जायं / लोगम्मि अ उवघाओ भोगाभावा ण चाई या एयं पि न जुत्तिखमं विण्णेअं मुद्धविम्हयकरं तु / . अविवेगपरिच्चाया चाई जं निच्छयनयस्स // 94 // संसारहेउभूओ पवत्तगो एस पावपक्खम्मि। एअम्मि अपरिचत्ते किं कीरइ बज्झचाएणं ? // 95 //