________________ आसायणपरिहार-प्पयासपयडियपसत्थभत्तिभरा / / हासाइमलिणवज्जण-लोयविरुद्धाइसव्वं जं . // 141 // विहिकयन्हाणुव्वट्टण-गत्तो लित्तो सुगंधमाईहिं / कयतिलओ वेगच्छिं आणाववहारपणरूवं // 142 // कंठहियउयरदेसम्मि कयतिलओ अप्पणाअसंकप्पो / जिणगुणथुणणं सद्दहण-मणुवमसुहतित्तिसंकरणं // 143 // पुव्वासाभिमुहमुहो विहिकयन्हाणो अणिंदियविसयगणो / उवसामियअप्पसत्थ-जोयरयभावसन्हाणो // 144 // सिट्ठीए समगपयं-गुट्ठगयं जाणुहत्थअंसाणं / .. सिरभालकंठवच्छ-त्थलउयरम्मि जिणिंदाणं // 145 // कयचित्तो दढचित्तो अणुत्तरझाणभत्तिसंजुत्तो / पच्छा विविहपयारा पूया निम्माइ निम्ममओ // 146 // पुप्फाइ ण्हवणाइ निम्मल्लं जं हवे जिणिदाणं / जं ठावइ विहिपुव्वं जत्थासायणपरं न हवे // 147 // जइ वि हु जिणंगसंगं निम्मल्लं नेव हुज्ज कइया वि। निस्सीकं लोयगुणा-ववहारगुणेहिं निम्मल्लं // 148 // भक्खणपाउल्लंघण-नियंगपरिभोयमूइकम्मपरं / अविहिट्ठावणमेवं निम्मल्लं पंचहा वज्जं // 149 // तिरियभवहेउभक्खण-मणज्जजाइसु हविज्ज उल्लंघो / दोहग्गं परिभोगे मूइकम्मे आसुरी जाई // 150 // अविहिट्ठवणमबोहिलाहो हुज्जा णिदंसणाणित्थ / देवपुरंदरकुमरा सामात्थी अमरसमरनिवा // 151 / / तम्हा अविहिच्चाओ कायव्वो सव्वहा सुनिउणेहिं / जम्हाऽणासायणा खलु मुक्खंगं मुक्खमग्गस्स . // 152 // 151