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________________ विहिकरणमविहिच्चाओ गुरुगुणवुड्डाण सेवणं सवणं / बालजणाण विवज्जण-मगुणुझणमज्जगुणपक्खो // 153 // अरिहपमुहाण तेरस-पयाण बहुमाणवण्णसंजलणा / कुसलाणुट्ठाणकरण-मिच्चाइ गुणेहिं मुक्खंगं // 154 // तत्तो निसीहियाए पविसित्ता मंडवम्मि जिणपुरओ / महिनिहियजाणुपाणि-सिरेहिं विहिणा पणामतियं // 155 // तयणु हरिसुल्लसंतो कयमुहकोसो जिणिंदपडिमाणं / अवणेइ रयणिविसयं निम्मल्लं लोमहत्थेण // 156 // जिणगिहपमज्जणं तो करेइ कारेइ वा वि अन्नेणं / जिणबिंबाण पूयं तो विहिणा कुणइ जहा जोगं // 157 / / अहपुव्वं चिय केणइ हविज्ज पूया कया सुविहवेण / तं पि सविसेससोहं जह होइ तहा तहा कुज्जा // 158 // निम्मल्लं पि न एवं भणइ निम्मल्ललक्खणाभावा / भोगविणटुं दव्वं निम्मलं नन्नहा वुत्तं . // 159 // दव्वंतरसंपत्तं निम्मल्लस्सावि धाउमुहस्सं / तं पुण जिणस्स जुग्गं जायइ बालाणमणुचिटुं // 160 // इत्तो चेव जिणाणं पुणरवि आरोवणं कुणंति तहा / वत्थाहरणाईणं जुगलियकुंडलियमाईणं // 161 // जम्हा जं एगाए कासाईए जिणिदपडिमाणं / अट्ठसयं लूहित्ता विजयप्पमुहेहिं देवेहि // 162 // चेइयदव्वं तिविहं पूयानिम्मल्लकप्पियं तत्थ / आयाणमाईपूयादव्वं जिणदेहपरिभोगं // 163 // अक्खयफलबलिवत्थाइ संतियं जं पुणो दविणजायं / तं निम्मल्लं वुच्चइ जिणगिहकम्मम्मि उवओगं // 164 // . 157
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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