________________ वत्थं चउहा तयफल-विगलपणिंदिइलोमसंभूयं / / अह तइयं च चउत्थं जिणभत्तीए न कायव्वं // 132 // मुहपुत्तियंपडपुत्तिय कज्जे कइया वि तं न कायव्वं / बीयं सेयं मसिणं दुस्सं खोमाइ बहुभेयं // 133 // नण्णं कियभावाइसुद्ध मुद्धं सहावओ धवलं / जिणभत्तीइ निमित्तं कायव्वं सव्वहा नूणं // 134 // विगलपणिदियदव्वाण संभवं कप्पए नु भत्तीए / पढमं बीयं वत्थं नो कप्पइ भत्ति (माइ) कज्जेसु त्ति // 135 // सुयभावे जं. सिटुं तं सव्वं किज्जए सुभत्तीए / कच्छुरिकाइगंध-दव्वं नेयं न मिगजायं // जं लोमहत्थयाइ वुतं तं देव्वनिम्मियं तत्थ / इत्थ वि तयभावाओ जं कीरइ भत्तिसब्भावा // जं वालवीजणाइ सव्वं रययप्पयारमासज्ज / संपइ तयभावाओ लोममयं किज्जइ विसिठं // णो थीपुरिसविवज्जास-वत्थं कुज्जा न थिबुगपरिमाणं / दंसणायारविसोहिए कायव्वो मुहपुडोट्ठपुडो // 136 // निम्मल्लविहिनिम्मिय-भूपीठमणज्जसंगमावज्जं / निस्संकियाइदोसेहिं रहियं खेत्तं पवित्तं च // 137 // अकुसलमणप्पवित्ती-वावारविवज्जणं खु मणसुद्धी / दूरीकयमिच्छत्त-लवाइदोसेहिं सा होई // 138 / / प्रयडियगुणट्ठगेणो-चियवित्तिपसत्थचित्तसब्भावा / खेयाइदोसरहिया तदज्झवसिया य मणसुद्धी // 139 // . गिहवावारविवज्जण-सन्नाईहिं वि पसत्थवयणगुणा / . जिणगुणकीत्तणरूवा पूयावसरे हु वयसुद्धी // 140 // . 155