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________________ इअरेऽवाऽऽणाउ च्चिअ गुरुमाइनिमित्तओ पइदिणं पि। दोसं अपिच्छमाणा अडंति मज्झत्थभावेण // 1476 // एवं तु ते अडंता वसही एक्काएँ कइ वसिज्जाहि!। वीहीए अ अडंता एगाए कइ अडिज्जाहि // 1477 // एगाए वसहीए उक्कोसेणं वसंति सत्त जणा। अवरोप्परसंभासं वज्जिंता कह वि जोएणं // 1478 // वीहीए एक्काए एक्को च्चिअ पइदिणं अडइ एसो। अण्णे भणंति भयणा सा य ण जुत्तिक्खमा णेआ // 1479 // . एएसिं सत्त वीही एत्तो च्चिअ पायसो जओ भणिआ। . कह नाम अणोमाणं ? हविज़्ज़ गुणकारणं णिअमा // 1480 // अइसइणो अ जमेए वीहीविभागं अओ विआणंति / ठाणाईएहिं धीरा समयपसिद्धेहि लिंगेहिं' || 1481 // एसा समायारी एएसि समासओ समक्खाया। एत्तो खित्तादीअं ठिइमेएसिं तु वक्खामि . // 1482 // खित्ते काल चरित्ते तित्थे परिआएँ आगमे वेए। कप्पे लिंगे लेसा झाणे गणणा अभिगहा य // 1483 // पव्वावण मुंडावण मणसाऽऽवण्णे वि से अणुग्घाया। कारण णिप्पडिकम्मे भत्तं पंथो अ तइआए // 1484 // खित्ते दुहेह मग्गणं जम्मणओ चेव संतिभावे अ। जम्मणओ जहिँ जाओ संतीभावो अ जहिं कप्पो // 1485 // जम्मणसंतीभावेसु होज्ज सव्वासु कम्मभूमीसु / साहरणे पुण भइओ कम्मे व अकम्मभूमे वा // 1486 // उस्सप्पिणिए दोसुं जम्मणओ तिसु अ संतिभावेण / / उस्सप्पिणि विवरीओ जम्मणओ संतिभावेण * // 1487 // 124
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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