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________________ संतं बज्झमणिच्चं थाणे दाणं पि जो ण विअरेइ। इय खुड्डगो कहं सो सीलं अइदुद्धरं धरइ ? // 1308 // अस्सीलो अ ण जायइ सुद्धस्स तवस्स हंदि विसओ वि। जहसत्तीऍऽतवस्सी भावइ कह भावणाजालं? // 1309 // इत्थं च दाणधम्मो दव्वत्थयरूवमो गहेअव्वो। सेसा उ सुपरिसुद्धा णेआ भावत्थयसरूवा // 1310 // इअ आगमजुत्तीहि अलं तं सुत्तमहिगिच्च धीरेहिं / दव्वत्थयादिरूवं विवेइयव्वं सबुद्धीए / // 1311 // एसेह थयपरिण्णा समासओ वण्णिआ मए तुब्भं / वित्थरओ भावत्थो इमीऍ सुत्ताओं णायव्वो // 1312 // एवंविहमण्णं पि हु सो वक्खाणेइ नवरमायरिओ। णाऊण सीससंपयमुज्जुत्तो पवयणहिअम्भि // 1313 // इअ अणुओगाणुण्णा लेसेण णिदंसिअ त्ति इयरा उ। एअस्स चेव कज्जइ कयाइ अण्णस्स गुणजोगा . // 1314 // सुत्तत्थे णिम्माओ पिअदढधम्मोऽणुवत्तणाकुसलो। जाईकुलसंपण्णो गंभीरो लद्धिमंतो अ // 1315 // संगहुवग्गहनिरओ कयकरणो पवयणाणुरागी अ। एवंविहो उ भणिओ गणसामी जिणवरिंदेहिं // 1316 // गीअत्था कयकरणा कुलजा परिणामिआ य गंभीरा / चिरदिक्खआ य वुड्डा अज्जा वि पवित्तिणी भणिआ // 1317 / / एअगुणविप्पमुक्के जो देइ गणं पवित्तिणिपयं वा / जो वि पडिच्छइ नवरं सो पावइ आणमाईणि // 1318 // बूढो गणहरसद्दो गोअमपमुहेहिं पुरिससीहेहिं। .. जो तं ठवइ अपत्ते जाणंतो सो महापावो / // 1319 / / 110
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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