________________ अकरितो अ ण बज्झइ अइप्पसंगा सदेव बंधाओ। तम्हा भेआभेए जीवसरीराण बंधाई ||1104 // मोक्खो वि अ बद्धस्सा तयभावे स कह कीस वा ण सया? / किं वा हेऊहि तहा कहं च सो होइ पुरिसत्थो? // 1105 / / तम्हा बद्धस्स तओ बंधो वि अणाइमं पवाहेण।। इहरा तयभावम्मी पुव्वं चिअ मोक्खसंसिद्धी // 1106 // अणुभूअवत्तमाणो बंधो कयगो त्तिऽणाइमं कह णु ? / जह उ अईओ कालो तहाविहो तह पवाहेण // 1107 // दीसइ कम्मावचओ संभवई तेण तस्स विगमो वि। कणगमलस्स व तेण उ मुक्को मुक्को त्ति नायव्वो // 1108 // एमाइभावाओ जत्थ तओ होइ तावसुद्धो त्ति / . एस उवाएओ खलु बुद्धिमया धीरपुरिसेण // 1109 // एअमिहमुत्तमसुअं आईसद्दाओ थयपरिण्णाई.। वणिज्जइ जीए थउ दुविहो वि गुणाइभावेण // 1110 // दव्वे भावे अ थओ दव्वे भावे अ (भावथय) रागओ विहिणा। जिणभवणाइविहाणं भावथओ संजमो सुद्धो // 1111 // जिणभवणकारणविही सुद्धा भूमी दलं च कट्ठाई। भिअगाणऽतिसंधाणं सासँयवुड्डी समासेणं // 1112 // दव्वे भावे अ तहा सुद्धा भूमी पएसऽकीला य। दव्वेऽपत्तिगरहिआ अन्नेसि होइ भावे उ // 1113 // धम्मत्थमुज्जएणं सव्वस्स अपत्तिअं न कायव्वं / इअ संजमो वि सेओ एत्थ य भयवं उदाहरणं // 1114 // सो तावसासमाओ तेसि अप्पत्तिअं मुणेऊणं / परमं अबोहिबीअं तओ गओ हंतऽकाले वि // 1115 // 63