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________________ ण य णाणण्णो सोऽहं किं पत्तो? पावपरिणइवसेणं / अणुहवसंधाणाओ लोगागमसिद्धिओ चेव // 1092 // इअ मणुआइभवकयं वेअइ देवाइभवगओ अप्पा / तस्सेव तहाभावा सव्वमिणं होइ उववण्णं // 1093 // एगंतेण उ निच्चोऽणिच्चो वा कह णु वेअई सकडं ? / एगसहावत्तणओ तयणंतरनासओ चेव // 1094 // . जीवसरीराणं पि हु भेआभेओ तहोवलंभाओ। मुत्तामुत्तत्तणओ छिक्कम्मि पवेअणाओ अ // 1095 / / उभयकडोभयभोगा तयभावाओ अ होइ नायव्वो। बंधाइविसयभावा इहरा तयसंभवाओ अ // 1096 // एत्थ सरीरेण कडं पाणवहासेवणाएँ जं कम्मं / तं खलु चित्तविवागं वेएइ भवंतरे जीवो // 1097 // न उ तं चेव सरीरं णरगाइसु तस्स तह अभावाओ। भिन्नकडवेअणम्मि अ अइप्पसंगो बला होइ . // 1098 // एवं जीवेण कडं कूरमणपयट्टएण जं कम्मं / / तं पइ रोद्दविवागं वेएइ भवंतरसरीरं // 1099 // ण उ केवलओ जीवो तेण विमुक्कस्स वेयणाभावो / ण य सो चेव तयं खलु लोगाइविरोहभावाओ // 1100 // एवं चिअ देहवहे उवयारे वा वि पुण्णपावाई। इहरा घडाइभंगाइनायओ नेव जुजंति // 1101 // तयभेअम्मि अनिअमा तन्नासे तस्स पावई नासो।। इअ परलोआभावा बंधाईणं अभावाओ // 1102 // देहेणं देहम्मि अ उवघायाणुग्गहेहिं बंधाई। ण पुण अमुत्तोऽमुत्तस्स अप्पणो कुणइ किंचिदवि * // 1103 / / 2
SR No.004452
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages310
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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