________________ तस्सालाभे इतरस्स गहणभावो वि भोयणसमाणो। तं धम्मसाहणं चे वत्थं पि तहेव णणु भणितं // 1044 // एवंविहं एतं विहिणा परिजाइतं धरतस्स / भिक्खणसीलस्स तहा राढाए हंत को अत्थो ? // 1045 // अह अविवेकातो तई तम्मत्ताओ वि होइ केसिंचि / तट्टिगपिच्छिगकुंडिगदेहेसु तओ कहं न भवे ? // 1046 // . मुच्छाभयाविहारा एतेणं चिय हवंति पडिसिद्धा / अक्खेवपसिद्धीओ जोएयव्वा सबुद्धीए // 1047 // भारवहणं पि परिमियमाणेसुं तेसु हन्त कह जुत्तं ? / कह वा न तट्टिगादिसु ? को वा तम्मत्तए दोसो ? // 1048 // जइ देहस्सऽह पीडा निययविहारातो सा न कि होति ? / उवगारिगा तई अह एत्थ वि भणिओ उ उवगारो // 1049 // न हरंति तहाभतं वत्थं तेणा पओयणाभावा / खुद्दहरणं च तट्टिगकुंडिगमादीसु वि समाणं // 1050 // वोसिरिएसु न दोसो तट्टिगमादीसु अह उ वत्थे वि। . तुलं चिय वोसिरणं साहणभावो य परलोगे // 1051 // अपमत्तस्स न नासइ, नटे वि न जायती तर्हि सोगो / मुणियभवसरूवस्स चत्तकलत्तादिगंथस्स // 1052 // अह दीहभवब्भासा सेहप्पायस्स संभवो अस्थि / सो तट्टिगादितुल्लो चोएयव्वो न बुद्धिमता // 1053 / / जो चयइ सयणवगं हिरन्नजायं मणोरमे विसए। . जिणवयणणीतिकुसलो तस्स अवेक्खा कहं वत्थे ? // 1054 // लज्जइ जमित्थिमादीण तेण तं गिण्हइ त्ति सावेक्खा / लुंचियसिरस्स भिक्खं हिंडंतस्सेह का लज्जा ? // 1055 / /