________________ तम्हा निग्गंथेणं एवं दोसं विवज्जमाणेणं / देहो आहारो वि य वज्जेयव्वो पयत्तेणं // 1032 // सिय थोवं संमुच्छणमेत्थं तीरति य वज्जिउं विहिणा / तणगहणदिपगारा एत्थ वि थोवादितुल्लं तु // 1033 / / अह धम्मसाहणं सो वत्थं पि तहेव होइ दट्टव्वं / भणिओववत्तिओ चिय जइणो तं कायठितिहेऊ // 1034 // जिणभणियविहिए ण य धुवणे पाणाण होइ वावत्ती / पडिलेहणा दगं पि य फासु उवयोगमो य विही // 1035 // उल्लंघिऊण एयं केई अह अण्णहा करेंति त्ति / / एसो खु पाणिदोसो तुल्लो च्चिय होइ नायव्वो // 1036 // मोत्तूण वत्थमेत्तं जं च सिहि जीवणादिगं चेव / दीसंति गेण्हमाणा ण एस दोसो पवयणस्स // 1037 // जो पुण विहीएँ दोसो संसत्तग (ग्ग) हणिवोसिरणतुल्लो / असढस्स सो वि भणितो पायच्छित्तस्सऽविसओ त्ति // 1038 // अह जस्स एरिसो खलु देहो सो अणसणेण तं चयइ / एसुस्सग्गो भणितो अम्हाणं सत्थगारेहिं // 1039 // गुरुलाघवचिन्ताऽभावतो तयं सत्थमेव णो जुत्तं / अववायविहाणम्मिय पुव्वुत्तो चेव दोसो उ // 1040 / ' परिजुण्णमप्पमुल्लं तमणुनातं जओ जिणिदेहिं / दातारस्स वि पीडा न होइ तो तमिह दिन्तस्स // 1041 // अप्पस्स होति अह सा भोयणमेत्ते वि तुल्लमेवेदं / तं तारिसे ण गेझं वत्थम्मि वि एवं को दोसो ? // 1042 // आहागडस्स गहणे संधणमादी ण होंति दोसा तु / तदभावादनिमित्तो कहं णु पलिमंथदोसो उ? // 1043 //