________________ अह उ निरागारं चिय विन्नाणं गाहगं कहं सिद्धं ? / भावम्मि वि तस्सेव उ ण उ अन्नस्स त्ति को हेतू ? // 648 // तेणेव जतो जणितं किमेत्थ माणं ? तदत्थपडिवत्ती / सा कि नाणाभिन्ना ? आममपुव्वो इमो मोहो // 649 // एतेणं समुदायो पडिभणिओ चेव होइ नायव्वो। जं दुयणुमादिजोगं विहाय णो जुज्जए सो वि // 650 // संयोगो वि य तेर्सि देसेणं सव्वहा व होज्जाहि ? / देसेण कहमणुत्तं ? अणुमेत्तं सव्वहाभवणे // 651 // अह अपरोप्परपच्चासन्नत्तणमो उ होइ संजोगो / पत्तेयं व अगहणं पावइ इय समुदिताणं ति (णंपि) // 652 // हाणी य अणुत्तस्सा दिसिभेदातो णयन्त्रहा घडति / तेसिमिहो पच्चासन्नत त्ति परिफग्गुमेयं पि // 653 // अवयविणो वि य गहणं समुदायअगहणओ णिसिद्धं तु / वित्ती वि अवयवेसुं न सव्वहा जुज्जती तस्स // 654 // पत्तेयमवयवेसुं देसेणं सव्वहा व सो होज्जा ? / देसेणं सावयवोऽवयविबहुत्तं अदेसेणं // 655 // अह वट्टति त्ति भणिमो जुज्जति एतं विहाय पक्खदुगं / जइ होइ कोइ अवरो विर्तिपगारो स तु ण दिवो // 656 // किं च इमोऽवयवाणं अभिन्नदेसो व होज इतरो वा ? / जति तावऽभिन्नदेसो भिन्ना दुपदेसिए ण अणू // 657 // एवं च अणिच्चत्तं सपदेसत्तं च पावइ अणूणं / तब्भेदासति तदभिन्नदेसताऽवयविणो जुत्ता // 658 // सिय अवयवी अमुत्तो जं ता तदभिन्नदेसयाए वि। आगासेण व दोसा अणिच्चमादी कुतो नूणं ? // 659 // . 55