________________ पुल्विं जमुवत्तं खलु कम्मं तं सगडमो जिणा बिति / तं च विचित्तं आयासभोगफलभेदओ नेयं // 600 // परवंचणादिजोंगा जं कयमिहई किलेसभोगं तं / इतरातो भोगफलं बझं सहकारि मो तस्स // 601 // परवंचणादिजोगो कम्माओ वंचणा य इतरस्स / तत्तो च्चिय विनेया इहरा जाइच्छियपसंगो . // 602 // एवं च कुतो दोसो ? तत्तो चिय संकिलेसओ सो य / असुहाणुबंधिकम्मोदयाउ भणितो जिणिदेहिं // 603 // एवं च ठिए संते धम्माधम्माण जह उ संपत्ती / जुज्जइ सवित्थरं तह फुडवियडं उवरि वोच्छामि // 604 // तम्हा भोत्ता. जीवो पसाहिओ कम्मजोगमेतस्स / वोच्छं पुबुवइ8 धम्मादिनिबंधणं कमसो // 605 // नाणादिपरिणतिविघायणादिसामत्थसंजुयं कम्मं / तं पुण अट्ठपगारं पन्नतं वीयरागेहिं . // 606 // पढमं नाणावरणं बितियं पुणं होइ दंसणावरणं / ततियं च वेयणिज्जं तहा चउत्थं च मोहणियं // 607 // आउयनामं गोत्तं चरिमं पुण अंतराइयं होइ / मूलप्पगडीउ एया उत्तरपगडी अतो वोच्छं // 608 // पढमं पंचविगप्पं मतिसुयओहिमणकेवलावरणं / बितियं च नवविगप्पं निद्दापणदंसणचउक्कं // 609 // निद्दा निद्दानिद्दा पयला तह होति पयलपयला य / थीणद्धी य सुरोद्दा निद्दापणगं जिणाभिहितं // 610 // नयणेतरोहिकेवलदसणवरणं चउव्विहं होइ / / सातासातदुभेदं च वेयणिज्जं मुणेयव्वं // 611 // 51.