________________ खंतादभावउ च्चिय णियमेणं तस्स होति चाउ त्ति / बंभं ण गुत्तिविगमा सेसाणि वि एव जोइज्जा // 515 // गुरुवेयावच्चेणं सदणुट्ठाणसहकारिभावाओ / विउलं फलमिब्भस्स व विसोवगेणा वि ववहारे // 516 // इहरा सदंतराया दोसो विहिणा यः विविहजोगेसु / हंदि पयर्टेतस्सा तदण्णदिक्खावसाणेसु // 517 // गुरुगुणरहिओ उ गुरून गुरु विहिच्चायमो उ तस्सिट्ठो / अण्णत्थ संकमेणं ण उ एगागित्तणेणं ति // 518 // जं पि य ण वा लभेज्जा एक्को विच्चादि भासियं सुत्ते / / एयं विसेसविसयं णायव्वं बुद्धिमंतेहि // 519 // पावं अणायरंतो तत्थुत्तं ण य इमं अगीयस्स। अण्णाणी किं काहीच्चादिसुत्ताओ सिद्धमिणं // 520 // जाओ य अजाओ य दुविहो कप्पो उ होइ णायव्वो / एक्केक्को वि य दुविहो समत्तकप्पो य असमत्तो . // 521 // गीयत्थो जायकप्पो अग्गीओ खलु भवे अजाओ उ / पणगं समत्तकप्पो तदूणगो होइ असमत्तो // 522 // उउबद्धे वासासु उ सत्त समत्तो तदूणगो इयरो / असमत्ताजायाणं आहेण ण किंचि आहव्वं // 523 // एत्तो पडिसेहाओ सामण्णणिसेहमो वगंतव्वो / एएसि अतो वि इमं विसेसविसयं मुणेयव्वं // 524 // एगागियस्स दोसा इत्थी साणे तहेव पडिणीए / भिक्खविसोहिमहव्वय तम्हा सबितिज्जाए गमणं // 525 // गीयत्थो य विहारो बीओ गीयत्थमीसओ भणिओ। एत्तो तइय विहारो णाणुण्णाओ जिणवरेहिं // 526 //