________________ कारवणे वि य तस्सिह भितगाणतिसंधणं ण कायव्वं / अवियाहिगप्पदाणं दिट्ठादिटुप्फलं एयं // 315 // ते तुच्छगा वराया अहिगेण दढं उविति परितोसं / तुट्ठा य तत्थ कम्मं तत्तो अहिगं पकुव्वंति // 316 // धम्मपसंसाए तहा केइ णिबंधंति बोहिबीयाई / अण्णे उ लहुयकम्मा एत्तो च्चिय संपबुज्झति // 317 // लोगे य साहुवाओ अतुच्छभावेण सोहणो धम्मो / पुरिसुत्तमप्पणीतो पभावणा चेव तित्थस्स // 318 // सासयवुड्डी वि इहं भुवणगुरुजिणिदगुणपरिण्णाए / तबिंबट्ठवणत्थं सुद्धपवित्तीएँ णियमेण // 319 // पेच्छिस्सं इत्थमहं वंदणगणिमित्तमागए साहू / कयपुण्णे भगवंते गुणरयणणिही महासत्ते // 320 // पडिबुज्झिस्संति इहं दठूण जिणिंदबिबमकलंकं / अण्णे वि भव्वसत्ता काहिति ततो परं धम्मं // 321 // ता एयं मे वित्तं जमेत्थुमवओगमेति अणवरयं / इयं चिंताऽपरिवडिया सासयवुड्डी उ मोक्खफला // 322 // जयणा य पयत्तेणं कायव्वा एत्थ सव्वजोगेसु / जयणा उ धम्मसारो जं भणिया वीयरागेहिं // 323 // जयणा उ धम्मजणणी जयणा धम्मस्स पालणी चेव / तव्वुड्डीकरी जयणा एगंतसुहावहा जयणा // 324 // जयणाए वट्टमाणो जीवो सम्मत्तणाणचरणाणं / सद्धाबोहासेवणभावेणाराहगो भणितो // 325 // एसा य होइ णियमा तदहिगदोसविणिवारणी जेण / तेण णिवित्तिपहाणा विण्णेया बुद्धिमंतेहिं 231