________________ // 200 // इह पुण अद्धारूवं णवकारादि पतिदिणोवओगि त्ति / आहारगोयरं जइगिहीण भणिमो इमं चेव // 197 // गहणे आगारेसुं सामइए चेव विहिसमाउत्तं / भेए भोगे सयपालणाएँ अणुबंधभावे य // 198 // गिण्हति सयंगहीयं काले विणएण सम्ममुवउत्तो / अणुभासंतो पइवत्थु जाणगो जाणगसगासे // 199 // एत्थं पुण चउभंगो विण्णेओ जाणगेयरगओ उ / सुद्धासुद्धा पढमंतिमा उ सेसेसु उ विभासा बिइए जाणावेउं ओहेणं तइए जेट्ठगाइम्मि / कारणओ उ न दोसो इहरा होइ ति गहणविही // 201 // दो चेव णमोक्कारे आगारा छच्च पोरिसीए उ / सत्तेव य पुरिमड्ढे एक्कासणगम्मि अटेव // 202 // सत्तेगट्ठाणस्स उ अद्वेवायंबिलस्स आगारा / . पंच अभत्तट्ठस्स उ छप्पाणे चरिम चत्तारि // 203 // पंच चउरो अभिग्गहि णिव्विइए अट्ठ णव य आगारा / अप्पाउरणे पंच उ हवंति सेसेसु चत्तारि // 204 // णवणीओगाहिमए अद्दवदहिपिसियघयगुले चेव / / णव आगारा तेर्सि सेसदवाणं च अद्वैव // 205 // वयभंगो गुरुदोसो थेवस्स वि पालणा, गुणकरी उ / गुरुलाघवं च णेयं धम्मम्मि अओ उ आगारा // 206 // सामइए वि हु सावज्जचागरूवे उ गुणकरं एयं / अपमायवुड्डिजणगत्तणेण आणाउ विण्णेयं // 207 // एत्तो य अप्पमाओ जायइ एत्थमिह अणुहवो पायं / / विरती सरणपहाणे सुद्धपवित्तीसमिद्धफलो 221 // 208 //