________________ सोहम्म भोग चवणं णिवसुय ललियंग कलगहवउ त्ति / इयरी णरिंदधूया सयंवरागमण बहुगाणं // 979 // चउकलपुच्छा जोइसविमाण धणुगारुडेसु य विसेसो / धणु ललियंगे रागो मयणुट्ठाणा ओहरणं च // 980 // जाणण विज्जेसविमाणघडण जेऊणमागमेहि जिया / पिइचिंता सासण जलणकरण जम्मंतरविभासा // 981 // ललियंगब्भुवगमजलण भंस ऊढ त्ति तोस पण्णवणा / भोगा सरदब्भुवलंभ चिंत तित्थयरदिक्खा य // 982 // ईसाण जम्मभोगा चवणं रायसुय देवसेण कल वयवं / एसा उम्मायंती राओ सवणाइणा तत्थ // 983 // विज्जाहरखिसा माणुसो त्ति अणियत्तणे असमगो य / पडिछंदयचंडाली राय णिवणाए वीवाहो // 984 // भोगो विज्जाहरसाहणेहिं णो एक्कसि मिलाणाई।। सहिहासा संवेगो अरहागमणं च निक्खमणं // 985 // बंभिद भोगचवणं रायसुय पियंकरो त्ति चक्कित्तं / एयस्सा मंतित्तं अइसयपीईएँ चिंतत्ति // 986 // अरिहागमम्मि पुच्छा सिंढे संवेग चरण पव्वज्जा / चित्ताभिग्गहपालण सेढी गाणं च सिद्धी य // 987 // भावब्भासाहरणं णेयं अच्वंततिव्वभावो ति। णिव्वेया संविग्गो कामं णरसुंदरो राया // 988 // णगरी उ तामलित्ती राया णरसुंदरो ससा तस्स / बंधुमई परिणीया अवंतिरण्णा विसालाए // 989 // अइराग पाणवसणे मंडलणास सचिवऽण्णठावणया। / मत्तपरिट्ठावणमुत्तरिज्ज लेहो अणागमणं // 990 // .. .1ce