________________ एएणं चिय कोई राया केणावि सूरिणा सम्मं / णाएणमेयदिट्ठी थिरीकओ सुद्धधम्मम्मि // 919 // नवरं पवेसिऊणं सागेंधणधण्णमाइठाणाई / बहुगाई दंसिऊणं रयणाधणदंसणेणं तु // 920 // ण य दुक्करं तु अहिगारिणो इहं अहिगयं अणुट्ठाणं / भवदुक्खभया णाणी मोक्ख़त्थी किं ण करेइ ? // 921 // भवदुक्खं जमणंतं मोक्खसुहं चेव भाविए तत्ते / गरुयं पि अप्पमायं सेवइ ण उ अण्णहा णियमा // 922 // . इह तेल्लपत्तिधारगणायं तंतंतरेसु वि पसिद्धं / अइगंभीरत्थं खलु भावेयव्वं पयत्तेण // 923 // सद्धो पण्णो राया पायं तेणोवसामिओ लोगो। ' णियनगरे णवरं कोति सेट्ठिपुत्तो ण कम्मगुरू // 924 // सो लोगगहा मण्णइ हिंसं पि तहाविहं ण दुटुं ति / हिंसाणं सुहभावा दुहा वि अत्थं तु दुद्देयं . // 925 // अपमायसारयाए णिव्विसयं तह जिणोवएस पि / तक्खगफणरयणगयं सिरत्तिसमणोवएसं व // 926 // तस्सुवसमणणिमित्तं जक्खोच्छत्तो समाणदिट्ठि त्ति / णिउणो कओ समप्पिय माणिक्कं सोगओ तत्तो // 927 / / अवरो रायासण्णो अहंति पडिबोहगो असमदिट्ठी / कालेणं वीसंभो तओ य मायापओगो त्ति // 928 // णटुं रायाऽऽहरणं पडहग सिटुं ति पउरघर लाभे। . माहण पच्छित्तं बहु भयमेवमदोस तह वि त्ति // 929 / / जक्खब्भत्थण विण्णवण ममत्थे तं णिवं सुदंडेणं / .. तच्चोयण परिणामो विण्णत्ती तइलपत्तिवहो / // 930 // 114