________________ ता आहेणं इहयं उचियत्तेणमविरोहओ जत्तो / कायव्वो जहं भव गोणविगमओ जीवमणुयत्तं // 907 // तोसा सासणवण्णो पूजा भत्तीए बीजपक्खेवो / एवं णाणी बाहुल्लओ हियं चेव कुणइ त्ति // 908 // एयारिसओ लोओ खेयण्णो हंदि धम्ममग्गम्मि / बुद्धिमया कायव्वो पमाणमिइ ण उण सेसो वि // 909 // बहुजणपवित्तिमेत्तं इच्छंतेहिं इहलोइओ चेव / धम्मो ण उज्झियव्वो जेण तहिं बहुजणपवित्ती // 910 // ता आणाणुगयं जं तं चेव बुहेण सेवियव्वं तु / किमिह बहुणा जणेणं ? हंदि ण सेयत्थिणो बहुया // 911 // रयणत्थिणोऽतिथोवा तद्दायारो वि जह उ लोयम्मि / इय सुद्धधम्मरयणत्थिदायगा दढयरं णेया 912 // बहुगुणविहवेण जओ एए लब्भं ति ता कहमिमेसुं / एयदरिदाणं तह सुविणे वि पयट्टई चिंता. // 913 // धण्णाइसु विगइच्छा वत्थहिरण्णाइएसु तह चेव / तच्चिंताए विमुक्का दुहा वि रयणाण जोग त्ति // 914 // जे पुण थेवत्तणओ एएसुं चेव अविगएच्छ त्ति / ते एयाण अजोग्गा अइणिउणं चिंतियव्वमिणं // 915 // अक्खुद्दाई धण्णाइया उ वत्थाइया उ विण्णेया / मज्झत्थाई इइ एक्कवीसगुणजोगओ विहवो // 916 // पायद्धगुणविहीणा एएसि मज्झिमा मुणेयव्वा / एत्ते परेण हीणा दरिद्दपाया मुणेयव्वा // 917 // जह ठितिणिबंधणेसु धम्म कप्पिंति मूढगा लोया / . तह एए वि वरागा पायं एवं ति दट्ठव्वा // 918 // 183