________________ जं आणाए बहुगं जह तं सिज्झइ तहेत्थ कायव्वं / ण उ जं तव्विवरीयं लोगमयंऽपेस परमत्थो // 787 // कयमेत्थ पसंगणं से भावओ पालिऊण तह धम्मं / पायं संपुण्णं चिय ण दव्वओ कालदोसाओ // 788 // काऊण कालधम्म परिसुद्धाचारपक्खवाएणं / उववण्णो सुरलोए तओ चुओ पोयणपुरम्मि // 789 // रायसुओ उवसंतो पायं पावविणिवित्तवावारो / कालोचियधम्मरओ रायो होऊण पव्वइओ // 790 // णइपूरकूलपाडण मूढं कलुसोदयं णिएऊण / ओयट्टणम्मि तीए तहत्थयं चेव पडिबुद्धो 9 हत्यच चव पाडबुद्धा // 791 // जह एसा वटुंती कूले पाडेइ कलुसए अप्पं / . इय पुरिसो वि हु पायं तदण्णपीडाएँ दट्ठव्वो // 792 // जह चेवोवटुंती सुज्झइ एसा तहेव पुरिसो वि / आरंभपरिच्चागा कुसलपवित्तीएँ विण्णेओ . // 793 // एवं पव्वइऊणं सामण्णं पालिऊण परिसुद्धं / सिद्धो सुदेवमाणुसगईहिं थेवेण कालेणं // 794 // बंभसुर महुरराया सुक्कसुरो ओमुहीए राओ त्ति / आणयदेव सिवणिवो आरण महिला य देवणिवो // 795 // गेवेज तियस गज्जणसामी गेवेज्ज पुंढसुरराया / गेवेज बंगसुरराय विजयदेवंगराया य // 796 // सव्वट्ठामर उज्झाणरिंद पव्वज्ज सिज्मणा चेव / एयस्स पायसो तह पावाकरणम्मि नियमो त्ति // 797 // एवं भावाराहणभावा आराहगो इमो पढमं / ता एयम्मि पयत्तो आणाजोगेण कायव्वो // 798 // . 183