________________ // 667 // दइयाकण्णुप्पलताडणं व सुहडस्स णिव्वुई कुणइ / पहुआणाए संपत्थियस्स कंडं पि लग्गंतं जह चेव सदेसम्मी तह परदेसे वि हंदि धीराणं / सत्तं न चलइ समुवत्थियम्मि कज्जम्मि पुरिसाणं // 668 // कालो वि य दुब्भिक्खाइलक्खणो ण खलु दाणसूराणं / भेदइ आसयरयणं अवि अहिगयरं विसोहेइ // 669 // एवं चिय भव्वस्स वि चरित्तिणो णहि महाणुभावस्स / सुहसामायारिगओ भावो परियत्तइ कयाइ // 670 // भोयणरसप्णुणोऽणुवहयस्स णोऽसाउभोइणो वि तहा / साउम्मि पक्खवाओ किरिया वि ण जायइ कयाइ // 671 // एवं सज्झायाइसु तेसिमजोगे वि कह वि चरणवओ / णो पक्खवायकिरिया उ अण्णहा संपयट्टिति // 672 // तम्हा उ दुस्समाए वि चरित्तिणोऽसग्गहाइपरिहीणा / पण्णवणिज्जा सद्धा खंाइजुया य विण्णेया // 673 // णाणम्मि दंसणम्मि य सइ चरणं जं तओ ण एयम्मि / णियमा णऽसग्गहाई हवंति भववद्धणा घोरा // 674 // सज्झायाइसु जत्तो चरणविसुद्धत्थमेव एयाणं / सत्तीऍ संपयट्टइ ण उ. लोइयवत्थुविसओ उ // 675 // तत्तो उ पइदिणं चिय सण्णाणविवद्धणाएँ एएसि / कल्याणपरंपरओ गुरुलाघवभावणाणाओ. // 676 // एयमिह अयाणंता असग्गहा तुच्छबज्झजोगम्मि / णिरया पहाणजोगं चयंति गुरुकम्मदोसेणं // 677 // सुद्धंछाइसु जत्तो गुरुकुलचागाइणेह विण्णेओ / सबरसरक्खपिच्छत्थघायपायाछिवण तुल्लो // 678 // 173