________________ उव्वेलंतो बहुसो सगग्गयं विरसमारसंतो य / हा दुट्टमिणं पावं जाओ छट्ठम्मि पडिसेहो. // 595 // एसो य मए गहिभो पायं धम्मो तओ य ते आहु / पालेज्जसि जत्तेणं पेच्छामो तहय तं वइणिं // 596 // गमणं चिइवंदण गणिणि साहणं तीएँ उचियपडिवत्ती / दंसण तोसो धम्मकह पुच्छणा कहणमेवं च // 597 // . को धम्मो ? जीवदया, किं सोक्खमरोग्गया उ जीवस्स / को हो ? सब्भावो, किं पंडिच्चं ? परिच्छेओ // 598 // किं विसमं .? कज्जगती, किं लटुं ? जं जणो गुणग्गाही / किं सुहगेझं ? सुयणो, किं दुग्गेझं ? खलो लोओ // 599 / / एमादिपुच्छवागरणतो तहा भद्दयाणि जायाणि / जह तीए धम्मविग्धं पायं सुविणे वि ण करेंति // 600 / / गुणठाणगपरिणामे संते जीवाण सयलकल्लाणा / इय मग्गगामिभावा परिणाम सुहावहा होति // 601 // गुणठाणगपरिणामे महव्वए तु अहिगिच्च णायाई / समिईगुत्तिगयाइं एयाइं हवंति णेताई // 602 // इरियासमियाइयाओ समितीओ पंच होंति नायव्वा / पवियारेगसराओ गुत्तीओऽतो परं वोच्छं // 603 // मणगुत्तिमाइयाओ गुत्तीओ तिन्नि समयकेऊहिं / पवियारेतररूवा निद्दिट्ठाओ जओ भणियं // 604 // * समिओ नियमा गुत्तो गुत्तो समियत्तणम्मि भइयव्वो / कुसलवइमुदीरंतो जं वइगुत्तो वि समिओ वि // 605 // पुब्बिं सरूव पच्छा वाघायविवज्जयाओ एयाओ / कज्जे उवउत्तस्साणंतरजोगे य सुद्धाउ // 606 // . 177