________________ एवं चिय तिलतेणो ण्हाउल्लो कह वि हट्टसंवट्टो / गोपिल्लियतिलपडिओ तेहि समं तह गओ गेहं // 583 // जणणीए पक्खोडिय लोइय पडिदिण्ण खद्धमोरंडो। तत्तो तम्मिऽवलग्गो तहा पुणो हरियतिलणियरो // 589 // एवं चिय सेसम्मि वि गहिओ जणणीऍ खद्धथणखंडो। पलिछिण्णगो त्ति दिट्ठो णिवारणा णवर तइए वि // 585 // . एवं घोडगघडिया दुस्सीला मोहओ महापावा / विणिवाइयभत्तारा परिट्ठविती तयं घोरा * // 586 // देवयजोइयपिडिया गलंतवसरुहिर भरियथणवट्टा / अंधा पलायमाणी णियत्तमाणी य सज्जक्खा // 587 // डिभगवंदपरिगया खिसिज्जंती जंणेण रोवंती / दिट्ठा धिज्जाइगिणि य एवं च चउत्थपडिसेहो // 588 // एवमसंतोसाओ विवण्णवहणो कहिचि उत्तिण्णो / मच्छाहाराजोगा अच्चंतं वाहिपरिभूओ . // 589 // आयण्णियणिहि सुयबलिदाणाओ तप्फलो पउत्तविही / अफलो तदण्ण गहिओ विण्णाओ णयरराईहिं // 590 // तत्तो उच्छुब्भंतो बहुजणधिक्कारिओ वसणहीणो / दिट्ठो कोइ दरिद्दो पडिसेहो पंचमम्मि तहा // 591 // पत्ताई तओ एवं संविग्गाइं पडिस्सयसमीवं / / तत्थ वि य वइससमिणं दिटुं एएहिं सहस त्ति // 592 // राईए भुंजंतो मंडगवाइंगणेहिं कोइ णरो / विच्छं छोढूण मुहे अदिट्ठगं विद्धओ तेण // 593 // वितरजाइ विसाओ उस्सूणमुहो महावसणपत्तो / ' तेगिच्छगपरियरिओ पउत्तचित्तोसहविहाणो // 594 // 16