________________ सा पुण महाणुभावा तह वि य पवणाइरूव मो भणिया / विवरीएसासमओदिया य तह बंधवुड्डिकरा // 475 // आलोचियव्वमेयं सम्मं सुद्धाएँ जोगिबुद्धीए / इयरीए उ ण गम्मइ रूवं व सदंधसण्णाए // 476 // जच्चंधो इह णेओ अभिण्णगंठी तहंधलयतुल्लो / मिच्छद्दिट्ठी सज्जक्खओ य सइ सम्मदिट्ठीओ // 477 // एसो मुणेइ आणं विसयं च जहट्ठियं णिओगेणं / एईए करणम्मि उ पडिबंधगभावओ भयणा // 478 // कयमेत्थ पसंगेणं समासओ जेण एस आरंभो / / दिसिमत्तदंसणफलो पगयं चिय संपयं वोच्छं // 479 // अण्णं पि इहाहरणं वणियसुया सज्झिला उ बोहीए / पव्वज्ज सीयल मणोरहो य सुद्धाएँ फलभेओ // 480 // तगराए वसुसुया सेणसिद्ध धम्मगुरुबोहि एगस्स / णिक्खमणमकिरियमणोरहो उ अण्णस्स सुद्धम्मि // 481 // कालेण मिलणमसणीघाओ उववाय वंतरविमाणे / केवलिआगम पुच्छा कहणं भावम्मि बहुमाणो // 482 // एत्थ वि मणोरहो च्चिय अभिग्गहो सुद्धणिक्खमणगम्मि / / बहुमाणओ वि अविराहणाएँ एत्थं फलमुदारं // 483 // अविराहणाएँ सुद्धे धम्मट्ठाणम्मि बुहजणेण तओ। 'जत्तो खलु कायव्वो ण अण्णहा संकिलिट्ठम्मि // 484 // तवसुत्तविणयपूया ण संकिलिट्ठस्स होंति ताणं ति / खमगागमि 1 विणयरओ 2 कुंतलदेवी 3 उदाहरणा // 485 // कुसुमपुरे अग्गिसिहो खमओ लिंगद्धओ य अरुणो त्ति / वासट्टाणविहारे अहरुत्तरकोट्ठगे वासो // 486 // - 157