________________ // 284 // जरखलणाए सरिसं पडिबंधमिमस्स आहु समयण्णू / तत्तो भावाराहणसंजोगा अविगलं गमणं // 283 // एलउरं जियसत्तू पुत्तो अवराजिओ य जुवराया / बिदिओ य समरकेऊ कुमारभुत्तीएँ उज्जेणी पच्चंतविग्गहजए आगच्छंतस्स नवरि जुवरन्नो / राहायरियसमीवे धम्मभिवत्तीऍ णिक्खमणं // 285 // तगराविहार उज्जेणीओ तत्थऽज्जराहसाहूणं / आगमणं पडिवत्ती विहारपुच्छा उचियकाले // 286 // रायपुरोहियपुत्ता अभद्दगा तक्कओ उ उवसग्गो। सेसो उ निरुवसग्गो तत्थ विहारो सति जईणं // 287 / / अवराजियस्स चिंता पमत्तया भाउणो महादोसो।। तह चेव कुमाराणं अणुकंपा अस्थि मे सत्ती // 288 // गुरुपुच्छ गमण संपत्ति पवेसो वंदणादि उचियठिई / सति कालुग्गाहणमच्छणं खु अहमत्तलद्धी उ // 289 // ठवणकुलादिनिदंसण पडिणीयगिहम्मि धम्मलाभो त्ति / अंतेउरियासत्रणमवहेरि कुमारगागमणं // 290 // पढमं दुवारघट्टण वंदण णच्चाहि तत्थ सो आह / कह ? गीयवाइएणं भगति अम्हे इमं कुणिमो // 291 // आरंभविसमतालं अकोवकोवेण एव पच्चामि / कंडण जयणनिउद्धं, चित्तालिहियव्व साहुगमो // 292 // पीडंतराय न अडण पइरिक्के चिंत सोहणनिमित्तं / होहिति चरणं ति धितीजोगो सज्झायकरणं तु // 293 // रांयकुमारावेयण गुरुमूलागमण खमसु अवराहं / आह गुरू न वि जाणे साहूहि थंभिया कुमरा // 294 // 141