________________ जो चेव लोगिगाणं पदाणमत्थो स एव तेसि पि / ता तदणुसारतो च्चिय णज्जइ एत्थं पि णो माणं // 1248 // तुल्लत्थयाएँ किंवा इमे अणिच्चा तओ य णिच्चो त्ति ? / सव्वगणिच्चवण्णा य कारणं तुह दुवेण्हं पि // 1249 // रयणादिविसेसकतो अह तु विसेसो ण जुत्तमेयं पि / सव्वगयादिजुयाणं रयणादिविसेसविरहाओ // 1250 // तीरइ य अन्नहा वि हु काउं रयणा वि लोगिगाणं व / वेदवयणाण तहसंठियाण ण तु लोगिगाणं पि // 1251 // तम्हा कहंचि णिच्चो पुरिसपणीतो य आगमो जुत्तो / वण्णाणमतिदियसत्तिजाणगो कोइ पुरिसो य // 1252 // णो वावाराभावम्मि अण्णहा खम्मि चेव उवलद्धी / पावइ वेदस्स सदा तहेव अत्थापरिण्णाणं // 1253 // रागादिमं न याणति सयं न यऽण्ण तो तारिसाओ तु / वेदत्थं ण तओ वि हु अचेतणत्तेण णावगमो // 1254 // किंच तओ सद्दो वा हवेज्ज णाणं व तस्स विसयो वा ? / अण्णो व कोइ ? णिच्चाणिच्चो सो सव्वपक्खेसु // 1255 // णोवावारे सद्दो सुव्वइ जं तेण वण्णदव्वाइं / तेण परिणामिताई णिच्चाणिच्चो तओ स भवे // 1256 // णियमा कस्सइ धम्मस्स अवगमे कस्सई य उप्पाते / होइ अभिवत्ति णो उण एगसहावस्स भावस्स // 1257 // णाणं विसओ अण्णो व कोइ सव्वाइं उभयरूवाइं / भावातो चिय मिच्छा एगंतेणेव सो णिच्चो // 1258 // पामन्नं पि सतो च्चिय वेदस्स ण संगतं विगाणातो / को एत्थ सम्मवाई को वा णो ? णत्थि इह माणं // 1259 // . 105.