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________________ ( 7 ) के नाम से जो भी पैसा एकत्रित हो उसका व्यय जीर्णोद्धार के कार्यों में होना चाहिए। मारवाड़, मेवाड़ और उत्तर प्रदेश में ऐसे सैकड़ों मंदिर हैं जिनका जीर्णोद्वार होना अत्यधिक आवश्यक है। मुझे तो लगता है कि जीर्णोद्धार की अपेक्षा रखने वाले इतने अधिक मंदिर हैं कि 'देवद्रव्य' के नाम से एकत्रित संपूर्ण धनराशि का व्यय हो सकता है / 'देवद्रव्य' का व्यय करने के लिए हमारे समक्ष इतने आवश्यक कार्य विद्यमान हैं फिर भी उस द्रव्य का उन कार्यों में व्यय नहीं करते हैं और यदि करते हैं तो लोगों को सिर्फ दिखाने के लिए अल्पांश में ही करके अन्य द्रव्य का व्यापार तथा व्याजादि द्वारा वृद्धि करने में तथा दूसरों की खुशामद करने में अपव्यय करके देवद्रव्य का दुरुपयोग किया जाता है। . वास्तविक बात तो यह है कि इस समय में 'देवद्रव्य के खजाने को बढ़ाने की किसी प्रकार की आवश्यकता महसूस नहीं होती है क्योंकि देवद्रव्य के नाम से चाहे कितना ही बड़ा खजाना भरा हुआ क्यों न हो, परन्तु दुष्काल-अकाल-पीड़ित, भूख से तड़फते लोगों के लिए उसमें से एक कोड़ी भी काम में नहीं आ सकती . है। इसके लिए कोई भी आस्तिक व्यक्ति सलाह.भी नहीं दे सकता है। जब ऐसी स्थिति है तब उसकी वृद्धि
SR No.004448
Book TitleDevdravya Sambandhi Mere Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmsuri
PublisherMumukshu
Publication Year
Total Pages130
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Devdravya
File Size6 MB
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